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सय्यद अहमद ‘शमीम’ की रचनाएँ

जागते में रात मुझ को ख़्वाब दिखलाया गया जागते में रात मुझ को ख़्वाब दिखलाया गया बन के शाख़-ए-गुल मिरी आँखों में लहराया गया जो… Read More »सय्यद अहमद ‘शमीम’ की रचनाएँ

समृद्धि मनचन्दा की रचनाएँ

आपदा प्यारी लड़की… तुम्हारे पास अधिकतर दो ही विकल्प होंगे लड़ना या चुप रह जाना तुम कोई भी चुनाव करो भीतर कुछ मर जाएगा बहरा… Read More »समृद्धि मनचन्दा की रचनाएँ

विनोद विट्ठल की रचनाएँ

अड़तालीस साल का आदमी अड़तालीस की उम्र अस्सी प्रतिशत है ज़िन्दगी का आख़िर के आधे घण्टे की होती है फ़िल्म जैसे चान्द के साथ रात… Read More »विनोद विट्ठल की रचनाएँ

विनोद भारद्वाज की रचनाएँ

रज़ा के रंग रंगों के जिस जादुई वक्तव्य की तुमबात करते होएक प्राचीन ऋषि की तरहसफ़ेद रंग में चन्द्रमा की पवित्रताऔर हीरे की चमक तुम… Read More »विनोद भारद्वाज की रचनाएँ

विनोद पाराशर की रचनाएँ

कहां से चले थे, कहां जा रहे हो? क्यों? बहुत खुश नजर आ रहे हो स्वतंत्रता की वर्ष-गांठ मना रहे हो लेकिन- जरा ये भी… Read More »विनोद पाराशर की रचनाएँ

विनोद निगम की रचनाएँ

धूप घाटियों में रितु सुखाने लगी है मेघ धोए वस्त्र अनगिन रंग के आ गए दिन, धूप के सत्संग के पर्वतों पर छन्द फिर बिखरा… Read More »विनोद निगम की रचनाएँ

विनोद दास की रचनाएँ

ईद मुबारक ऐसी है ईद कि नहीं जानता कहाँ चखूँगा सेवइयाँ कहूँगा किसे ईद मुबारक हलक़ में घुमड़ रहा है और जिनसे मुझे कहना है… Read More »विनोद दास की रचनाएँ

विनोद तिवारी (हरदोई)की रचनाएँ

प्रवासी गीत चलो, घर चलें, लौट चलें अब उस धरती पर; जहाँ अभी तक बाट तक रही ज्योतिहीन गीले नयनों से (जिनमें हैं भविष्य के… Read More »विनोद तिवारी (हरदोई)की रचनाएँ

विनोद तिवारी की रचनाएँ

टूटती है सदी की ख़ामोशी टूटती है सदी की ख़ामोशी फिर कोई इंक़लाब आएगा मालियो! तुम लहू से सींचो तो बाग़ पर फिर शबाब आएगा… Read More »विनोद तिवारी की रचनाएँ

विनोद कुमार शुक्ल की रचनाएँ

कोई अधूरा पूरा नहीं होता कोई अधूरा पूरा नहीं होता और एक नया शुरू होकर नया अधूरा छूट जाता शुरू से इतने सारे कि गिने… Read More »विनोद कुमार शुक्ल की रचनाएँ