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Poetry

वसीम बरेलवी की रचनाएँ

मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते इसीलिए तो तुम्हें हम नज़र नहीं आते मुहब्बतों के दिनों… Read More »वसीम बरेलवी की रचनाएँ

वसी शाह की रचनाएँ

आँखों में चुभ गईं तिरी यादों की किर्चियाँ  आँखों में चुभ गईं तिरी यादों की किर्चियाँ काँधों पे ग़म की शाल है और चाँद रात… Read More »वसी शाह की रचनाएँ

वसंत त्रिपाठी की रचनाएँ

सेल्फ़ पोर्ट्रेट यह जो कटा-फटा-सा कच्चा-कच्चा और मासूम चेहरा है उसे ज़माने की भट्ठी ने ख़ूब-ख़ूब तपाया है केवल आरामशीन नहीं चली लेकिन हड्डियों और… Read More »वसंत त्रिपाठी की रचनाएँ

वशिष्ठ अनूप की रचनाएँ

जो भूखा है जो भूखा है छीन झपटकर खाएगा कब तक कोई सहमेगा शरमाएगा अपनी भाषा घी शक्कर सी होती है घैर की भाषा बोलेगा… Read More »वशिष्ठ अनूप की रचनाएँ

वली दक्कनी की रचनाएँ

याद करना हर घडी़ उस यार का याद करना हर घड़ी उस यार का है वज़ीफ़ा मुझ दिल-ए-बीमार का आरज़ू-ए-चश्मा-ए-कौसर नहीं तिश्नालब हूँ शर्बत-ए-दीदार का… Read More »वली दक्कनी की रचनाएँ

कैलाश झा ‘किंकर’ की रचनाएँ

भेलै केहन ससुरा केहन हम्मर नैहर रहै भेलै केहन ससुरा। बूँदा-बूदी होत्तेॅ होय छै कादऽ कैसन गाँव में केना केॅ वियाह कैलन बाबू ऐसन गाँव… Read More »कैलाश झा ‘किंकर’ की रचनाएँ

कैलाश गौतम की रचनाएँ

गंगा गंगा की बात क्या करूँ गंगा उदास है, वह जूझ रही ख़ुद से और बदहवास है। न अब वो रंगोरूप है न वो मिठास… Read More »कैलाश गौतम की रचनाएँ

कैफ़ी आज़मी की रचनाएँ

मेरा माज़ी मेरे काँधे पर अब तमद्दुन[1] की हो जीत के हार मेरा माज़ी है अभी तक मेरे काँधे पर सवार आज भी दौड़ के गल्ले[2] में… Read More »कैफ़ी आज़मी की रचनाएँ

‘कैफ़’ भोपाली की रचनाएँ

दाग दुनिया ने दिए जख़्म ज़माने से मिले दाग दुनिया ने दिए जख़्म ज़माने से मिले हम को तोहफे ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले… Read More »‘कैफ़’ भोपाली की रचनाएँ

वली ‘उज़लत’ की रचनाएँ

आज दिल बे-क़रार है मेरा आज दिल बे-क़रार है मेरा किस के पहलू में यार है मेरा क्यूँ न उश्शाक़ पर होऊँ मंसूर जूँ सिपंद… Read More »वली ‘उज़लत’ की रचनाएँ