शिवराम की रचनाएँ
चाह वह तट खोज रहा है मैं समन्दर वह दो गज ज़मीन मैं दो पंख नवीन उसे शांति की चाह है मुझे बगावत की तृप्ति-अतृप्ति… Read More »शिवराम की रचनाएँ
चाह वह तट खोज रहा है मैं समन्दर वह दो गज ज़मीन मैं दो पंख नवीन उसे शांति की चाह है मुझे बगावत की तृप्ति-अतृप्ति… Read More »शिवराम की रचनाएँ
न अपने बस में है रोना न हाए हँस देना न अपने बस में है रोना न हाए हँस देना कोई रूलाए तो रोना हँसाए… Read More »सफ़ी औरंगाबादी की रचनाएँ
शम-ए-उम्मीद जला बैठे थे वो हसरत-ए-बहार न तूफ़ान-ए-ज़िंदगी आता है फिर रूलाने का अब्र बहार क्यूँ आलाम-ओ-ग़म की तुंद हवादिस के वास्ते इतना लतीफ़ दिल… Read More »सफ़िया शमीम की रचनाएँ
किताबें किताबें करती हैं बातें बीते जमानों की दुनिया की, इंसानों की आज की कल की एक-एक पल की। खुशियों की, गमों की फूलों की,… Read More »सफ़दर हाशमी की रचनाएँ
धूप सूखे और ऊँचे पहाड़ों को मटियाले रंगों की चमक दे जाती है अपनी पहाड़ी से अलग दूसरी पहाड़ी पर सुरमई हो जाती है उचटती… Read More »सफ़दर इमाम क़ादरी की रचनाएँ
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ बीज गिरा बीज कोई अनजान उम्मीदों का उमड़ा तूफ़ान धरती सीने हुई रोपाई फसल स्वप्न की लहलहाई थी सख्त धरा जैसे मरू… Read More »सपना मांगलिक की रचनाएँ
परिचय हम दीवानों का क्या परिचय? कुछ चाव लिए, कुछ चाह लिए कुछ कसकन और कराह लिए कुछ दर्द लिए, कुछ दाह लिए हम नौसिखिए,… Read More »शिवमंगल सिंह ‘सुमन’की रचनाएँ
इच्छा है या उम्मीद है या फ़क़त मानना अगर फ़र्श पर भी फूल खिल जाता अगर हवा धूल नहीं उड़ाती सूरज में चांद घुला होता… Read More »शिवप्रसाद जोशी की रचनाएँ
श्रीराम का बाल्यावस्था शृंगार वर्णन 1. ”कोटि-काम-शोभा श्याम अंग नीलकंजघन अरुण-सरोज-पद नख-जोति मोती हैं। रेख-कुलिश-ध्वज-वर-अंकुश-पग-नूपुर धुनि सुनि कै मुनीशन मन छोभ अति होती हैं। रेखात्रय-उदर… Read More »शिवपूजन सहाय की रचनाएँ
इस तपन से जेठ की घबरा गए थे प्रान इस तपन से जेठ की घबरा गए थे प्रान पर अचानक याद आया एक गंगा स्नान… Read More »शिवबहादुर सिंह भदौरिया की रचनाएँ