हरिशंकर परसाई की रचनाएँ
जगत के कुचले हुए पथ पर भला कैसे चलूं मैं? किसी के निर्देश पर चलना नहीं स्वीकार मुझको नहीं है पद चिह्न का आधार भी… Read More »हरिशंकर परसाई की रचनाएँ
जगत के कुचले हुए पथ पर भला कैसे चलूं मैं? किसी के निर्देश पर चलना नहीं स्वीकार मुझको नहीं है पद चिह्न का आधार भी… Read More »हरिशंकर परसाई की रचनाएँ
सरस्वती स्तुति नमामि हे शिवानुजा, नमामि हे महाश्रया। नमामि माँ सरस्वती, अजान हूँ करो दया॥ करो प्रशस्त पंथ माँ, असत्य का सुबोध हो। कुरीतियाँ विलुप्त… Read More »अनामिका सिंह ‘अना’ की रचनाएँ
द्रोणाचार्य द्रोणाचार्य क्या तुम इस देश के मनु को जानते हो? द्रोणाचार्य क्या तुम ‘तथाकथित वीर अर्जुन’ को जानते हो? द्रोणाचार्य क्या तुम ‘परमवीर एकलव्य’… Read More »हरकिशन सन्तोषी की रचनाएँ
कुछ दोहे 1. पार उतर जाए कुशल किसकी इतनी धाक डूबे अखियाँ झील में बड़े – बड़े तैराक 2. जाने किससे है बनी, प्रीत नाम… Read More »हस्तीमल ‘हस्ती’ की रचनाएँ
हर आँगन से उठती सिसकी हर आँगन से उठती सिसकी सदियों से ख़ामोश है– आँगन से आँगन तक के सफ़र में। गुज़रती हुई सदियाँ तमाम… Read More »अनामिका तिवारी की रचनाएँ
लोकतन्त्र खरगोश बाघों को बेचता था, फिर अपना पेट भरता था । बिके बाघ ख़रीदारों को खा गए, फिर बिकने बाज़ार में आ गए ।… Read More »अनामिका अनु की रचनाएँ
बाजुओ पर दिये परवाजे़ अना दी है मुझे बाजुओं-पर दिये परवाजे़ ‘अना दी है मुझे फिर ख़लाओं में नयी राह दिखा दी है मुझ अपनी… Read More »‘अना’ क़ासमी की रचनाएँ
कोई पार नदी के गाता कोई पार नदी के गाता! भंग निशा की नीरवता कर,इस देहाती गाने का स्वर,ककड़ी के खेतों से उठकर,आता जमुना… Read More »हरिवंशराय बच्चन की रचनाएँ
धरती कितनी बड़ी किताब जीवन के आने जाने का, इस दुनिया के बन जाने का, इसमें लिक्खा सभी हिसाब- धरती कितनी बड़ी किताब! खोल-खोल कर… Read More »अनवारे इस्लाम की रचनाएँ
दुआ अक़्ल वालों को अक़्ल दे मौला इल्म वालों को इल्म दे मौला धर्म वालों को धर्म दे मौला और थोड़ी सी शर्म दे मौला!… Read More »अनवर सुहैल की रचनाएँ