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Poetry

रुस्तम की रचनाएँ

फ़ाइलें मासूम और निष्क्रिय नहीं हैं ये फ़ाइलें। विशाल रेगिस्तानी रेत की तरह ये सरकती हैं अनवरत युगों की चाल से। असंख्य ख़ुशियाँ, असंख्य उम्मीदें,… Read More »रुस्तम की रचनाएँ

रुद्रदत्त मिश्रकी रचनाएँ

मुर्गा बोला ‘कुकडू़ँ कूँ’ की बाँग लगाता, बड़े सवेरे हमें जगाता। चोटी लाल, पंख रंग वाले, चला अकड़ से चोंच निकाले। सिर ऊँचा कर मुर्गा… Read More »रुद्रदत्त मिश्रकी रचनाएँ

रुचि भल्ला की रचनाएँ

भूरा साँप जबकि कलकत्ता कभी नहीं गई फिर भी चली जाती हूँ बेलूर मठ बेलूर मठ को मैंने देखा नहीं है छुटपन में पढ़ा था… Read More »रुचि भल्ला की रचनाएँ

रुचि चतुर्वेदी की रचनाएँ

हमें दर्पणों ने सिखाया है इतना हमें दर्पणों ने सिखाया है इतना। कि हर मन को पढ़ना हमें आ गया है॥ वो बस ढाई आखर… Read More »रुचि चतुर्वेदी की रचनाएँ

रियाज़ लतीफ़ की रचनाएँ

किनारा-दर-किनारा मुस्तक़िल मंजधार है यूँ भी किनारा-दर-किनारा मुस्तक़िल मंजधार है यूँ भी मिरे पानी में जो कुछ है वो यूँ पुर-असरार है यूँ भी बहा… Read More »रियाज़ लतीफ़ की रचनाएँ

रियाज़ मजीद की रचनाएँ

  आँच आएगी न अंदर की ज़बाँ तक ऐ दिल आँच आएगी न अंदर की ज़बाँ तक ऐ दिल कितनी देर और मिरी जान कहाँ… Read More »रियाज़ मजीद की रचनाएँ

रियाज़ ख़ैराबादी की रचनाएँ

आईना देखते ही वो दीवाना हो गया आईना देखते ही वो दीवाना हो गया देखा किसे कि शम्अ से परवाना हो गया गुल कर के… Read More »रियाज़ ख़ैराबादी की रचनाएँ

राहुल शिवाय की रचनाएँ

माँ शारदे ! तुमको नमन श्वेतवर्णा ! भारती ! माँ गोमती ! माँ श्वेतानन! ज्ञानमुद्रा ! वरप्रदा ! माँ शारदे ! तुमको नमन l मैं अकिंचन, निरालम्बी सामने कबसे खड़ा, माँ… Read More »राहुल शिवाय की रचनाएँ

राहुल राजेश की रचनाएँ

पत्तियाँ जब तक हरी हैं, भरी हैं हरियाली से, नमक और पानी से तब तक है रीढ़ और शिराओं में दम जब तक उनकी असंख्य… Read More »राहुल राजेश की रचनाएँ

राहुल झा की रचनाएँ

चांद और घास मेरा और तुम्हारा सारा फ़र्क इतने में है कि तुम ऊपर उगते हो मैं नीचे उगती हूँ और कितना फ़र्क हो जाता… Read More »राहुल झा की रचनाएँ