Skip to content

रुद्रदत्त मिश्र

रुद्रदत्त मिश्रकी रचनाएँ

मुर्गा बोला ‘कुकडू़ँ कूँ’ की बाँग लगाता, बड़े सवेरे हमें जगाता। चोटी लाल, पंख रंग वाले, चला अकड़ से चोंच निकाले। सिर ऊँचा कर मुर्गा… Read More »रुद्रदत्त मिश्रकी रचनाएँ