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आधुनिक काल

अनिल पुष्कर की रचनाएँ

७२० / २५० असलहों का कारीगर-1 अख़बार की सुर्ख़ियों में पढ़ना‘बिलाल’ मेरा नाम किसी कोख़बर नहीं, क्या हुआ ? उसने कहा — निशाना चूकना नहीं चाहिए… Read More »अनिल पुष्कर की रचनाएँ

अनिल पाण्डेय की रचनाएँ

धार हैं हम 1.धार हैं हमरुकना हिस्से में नहीं आताबहते रहना अनवरतनियति है हमारीकहीं स्थायित्व मिला तोबहने की खुमारी में पता ही नहीं चला 2.बहते… Read More »अनिल पाण्डेय की रचनाएँ

अनिल त्रिपाठी की रचनाएँ

इन दिनों  इन दिनों नहीं लिखी कविताएँ और चिट्ठियाँ आलेख तो दूर की बात है हाँ टी० वी० पर ख़बर सुनता रहा । और सब… Read More »अनिल त्रिपाठी की रचनाएँ

श्रीनाथ सिंह की रचनाएँ

सीखो फूलों से नित हँसना सीखो, भौंरों से नित गाना। तरु की झुकी डालियों से नित, सीखो शीश झुकाना! सीख हवा के झोकों से लो,… Read More »श्रीनाथ सिंह की रचनाएँ

अनिल जनविजय की रचनाएँ

आकाश का कायांतरण आकाश रोगी को दिखाता है तरह-तरह के चित्र कभी वो देखता है जहाज़ कभी रेफ़्रीजीरेटर, कभी कोई केंचुआ तो कभी सफ़ेद गाय… Read More »अनिल जनविजय की रचनाएँ

श्रीप्रकाश शुक्ल की रचनाएँ

एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती वह जब भी घर से निकलती है… Read More »श्रीप्रकाश शुक्ल की रचनाएँ

अनिल गंगल की रचनाएँ

पोस्टमैन एक दिन हो जाएंगे हम दरवाज़े पर तुम्हारी दस्तक से महरूम । अनन्त में नहीं गूंजती होगी तुम्हारी पुकार खिड़की पर बैठ कोई नहीं… Read More »अनिल गंगल की रचनाएँ

अनिल कुमार सिंह की रचनाएँ

तिब्बत देश आम भारतीय जुलूसों की तरह ही गुज़र रहा था उनका हुजूम भी ‘तिब्बत देश हमारा है’ के नारे लगाता हुआ हिंदी में वे… Read More »अनिल कुमार सिंह की रचनाएँ

अनिल कुमार मिश्र की रचनाएँ

वह भी तो इक बेटी ही है जेठ माह की, जैसे बदली, वह भी तो इक बेटी ही है। उँगली पकड़-पकड़ कर बढ़ना, चलना यहाँ… Read More »अनिल कुमार मिश्र की रचनाएँ

अनिल कार्की की रचनाएँ

पलटनिया पिता-1 फौजी पिता अख़बारों में मिले हमने सीने फुलाए दिखती थी छब्बीस जनवरी को उनकी टुकड़ी दूरदर्शन पर राजपथ की धुन्ध में क़दमताल करती… Read More »अनिल कार्की की रचनाएँ