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आधुनिक काल

इंदिरा परमार की रचनाएँ

नए नज़ारे नए साल के नए नज़ारे! घर से निकलो, बाहर आओ कदम मिलाकर नाचो-गाओ, पहला दिन है नए साल का आसमान में खूब उड़ाओ-… Read More »इंदिरा परमार की रचनाएँ

इंदिरा गौड़ की रचनाएँ

घुमक्कड़ चिड़िया अरी! घुमक्कड़ चिड़िया सुन उड़ती फिरे कहाँ दिन-भर, कुछ तो आखिर पता चले कब जाती है अपने घर। रोज-रोज घर में आती पर… Read More »इंदिरा गौड़ की रचनाएँ

आस्तीक वाजपेयी की रचनाएँ

विध्वंस की शताब्दी  इस शताब्दी के आगमन पर काल प्रवाह ने मनुष्य देख, तुझे क्या बना दिया है मैं अपनी आहुति देता हूँ, मैं मर… Read More »आस्तीक वाजपेयी की रचनाएँ

आसी ग़ाज़ीपुरी की रचनाएँ

आशिक़ी में है महवियत दरकार  आशिक़ी में है महवियत दरकार। राहते-वस्ल-ओ-रंजे-फ़ुरक़त क्या? न गिरे उस निगाह से कोई। और उफ़्ताद क्या, मुसीबत क्या? जिनमें चर्चा… Read More »आसी ग़ाज़ीपुरी की रचनाएँ

‘आसिम’ वास्ती की रचनाएँ

बनाई है तेरी तस्वीर मैं ने डरते हुए बनाई है तेरी तस्वीर मैं ने डरते हुए लरज़ रहा था मेरा हाथ रंग भरते हुए मैं… Read More »‘आसिम’ वास्ती की रचनाएँ

आसिम पीरज़ादा की रचनाएँ

मौसम की चिड़िया  मौसम की चिड़िया लाई हैलो खुशियों के फूल,छूट गया डर होमवर्क काबंद हुए स्कूल। रोज का मैडम का चिल्लानाबंद हुआ कुछ रोज,झंझट… Read More »आसिम पीरज़ादा की रचनाएँ

आसिफ़ ‘रज़ा’ की रचनाएँ

दिल और तरह आज तो घबराया हुआ दिल और तरह आज तो घबराया हुआ है ऐ बे-ख़बरी चौंक कोई आया हुआ है सुलगे हुए बोसे… Read More »आसिफ़ ‘रज़ा’ की रचनाएँ

‘आशुफ़्ता’ चंगेज़ी की रचनाएँ

अजब रंग आँखों में आने लगे  अजब रंग आँखों में आने लगे हमें रास्ते फिर बुलाने लगे इक अफ़वाह गर्दिश में है इन दिनों के… Read More »‘आशुफ़्ता’ चंगेज़ी की रचनाएँ

आशुतोष सिंह ‘साक्षी’ की रचनाएँ

काश! मैं कुत्ता होती जाड़े में सिमटी हुई, ठंड से ठिठुरती हुई, चिथड़ों में लिपटी हुई, नंगे पाँव फर्श पर बैठी एक बुढ़िया॥ सामने थाली… Read More »आशुतोष सिंह ‘साक्षी’ की रचनाएँ

आशुतोष द्विवेदी की रचनाएँ

सरस्वती-वंदना कमलासना, हे सौम्यरूपा, रुचिर-वीणा-वादिनी । माला-स्फटिक-शुभ-शोभिता, परमेश्वरी, आल्हादिनी । केकी-विहारिणि, हंस-वाहिनि, हस्त-पुस्तक-धारिणी । नत शीष बार अनेक, मातु सरस्वती, उद्धारिणी । वागीश्वरी, वरदायिनी, विद्या-कला-बुद्धि-प्रदा… Read More »आशुतोष द्विवेदी की रचनाएँ