अशअर नजमी की रचनाएँ
अँधेरे में तजस्सुस का तक़ाज़ा छोड़ जाना है अँधेरे में तजस्सुस का तक़ाज़ा छोड़ जाना है किसी दिन ख़ामुशी में ख़ुद का तन्हा छोड़ जाना… Read More »अशअर नजमी की रचनाएँ
अँधेरे में तजस्सुस का तक़ाज़ा छोड़ जाना है अँधेरे में तजस्सुस का तक़ाज़ा छोड़ जाना है किसी दिन ख़ामुशी में ख़ुद का तन्हा छोड़ जाना… Read More »अशअर नजमी की रचनाएँ
एक अच्छा देश एक दिल्ली जो हम सब अपने साथ गांव से लाये खाली कमरे के कोने में पड़ी हांफ रही है खुरदरे फर्श पर… Read More »अविनाश की रचनाएँ
सिन्दूर क्या वह बता सकता था कि अब तुम मेरी नहीं रहीं लेकिन उसने ही बताया जब तुम मिलीं बहुत बरस बाद और वह तुम्हारे… Read More »अविनाश मिश्र की रचनाएँ
ऐसा वर दे! मेरी जड़- अनगढ़ वाणी को हे स्वरदेवी, अपना स्वर दे! भीतर-बाहर घना अँधेरा दूर-दूर तक नहीं सबेरा दिशाहीन है मेरा जीवन ममतामयी,… Read More »अवनीश सिंह चौहान की रचनाएँ
दिन कटे हैं धूप चुनते रात कोरी कल्पना में दिन कटे हैं धूप चुनते प्यास लेकर जी रहीं हैं आज समिधाएँ नई कुण्ड में पड़ने… Read More »अवनीश त्रिपाठी की रचनाएँ
आ गया हूँ देख माँ तेरी शरण आ गया हूँ देख माँ तेरी शरण। दिख रहा है आसमाँ तेरी शरण।। हो अगर अवगुण उसे तो… Read More »अवधेश्वर प्रसाद सिंह की रचनाएँ
मिलो दोस्त, जल्दी मिलो सुबह–एक हल्की-सी चीख़ की तरह बहुत पीली और उदास धरती की करवट में पूरब की तरफ़ एक जमुहाई की तरह मनहूस… Read More »अवधेश कुमार की रचनाएँ
मंडी चले कबीर कपड़ा बुनकर थैला लेकर मण्डी चले कबीर जोड़ रहे हैं रस्ते भर वे लगे सूत का दाम ताना-बाना और बुनाई बीच कहाँ… Read More »अवध बिहारी श्रीवास्तव की रचनाएँ
मनखान जब राजा था जोगिया रेशम का लबादा ओढ़े सफेद ‘इच्छाबल’पर सवार राजा मनखान काले पर्वत की कच्ची सड़क पर चलते हैं घोड़ा भगाए ऍड़-पर… Read More »अवतार एनगिल की रचनाएँ
कुत्ते तभी भौंकते हैं रामू जेठ बहू से बोले, मत हो बेटी बोर कुत्ते तभी भौंकते हैं जब दिखें गली में चोर वफ़ादार होते हैं… Read More »अल्हड़ बीकानेरी की रचनाएँ