Skip to content

आधुनिक काल

रामप्रकाश ‘बेखुद’ लखनवी की रचनाएँ

हर तरफ़ जाले थे, बिल थे हर तरफ़ जाले थे, बिल थे, घों‍सले छ्प्पर में थे जाने कितने घर मेरे उस एक कच्चे घर में… Read More »रामप्रकाश ‘बेखुद’ लखनवी की रचनाएँ

रामनिरंजन शर्मा ‘ठिमाऊ’की रचनाएँ

महँगाई पप्पू ने दीदी से पूछा क्या होती महँगाई? सभी इसी की चर्चा करते चली कहाँ से आई? सभी किताबें देखीं मैंने कहीं न मीनिंग… Read More »रामनिरंजन शर्मा ‘ठिमाऊ’की रचनाएँ

रामनरेश पाठक की रचनाएँ

हम न बोलेंगे, कमल के पात बोलेंगे हम न बोलेंगे, कमल के पात बोलेंगे। कीच का क्या रंग, क्या है उत्स कादो का जेठ की… Read More »रामनरेश पाठक की रचनाएँ

रामनरेश त्रिपाठी की रचनाएँ

चतुर चित्रकार चित्रकार सुनसान जगह में, बना रहा था चित्र, इतने ही में वहाँ आ गया, यम राजा का मित्र। उसे देखकर चित्रकार के तुरत… Read More »रामनरेश त्रिपाठी की रचनाएँ

रामधारी सिंह “दिनकर”

मंगल-आह्वान मंगल-आह्वान भावों के आवेग प्रबल मचा रहे उर में हलचल। कहते, उर के बाँध तोड़ स्वर-स्त्रोत्तों में बह-बह अनजान, तृण, तरु, लता, अनिल, जल-थल… Read More »रामधारी सिंह “दिनकर”

रामदेव सिंह ‘कलाधर’की रचनाएँ

बोल तोता, बोल हरे रंग का एक-एक ‘पर’, लाल चोंच है कितनी सुंदर, लाल फूल की माला दी है- किसने तुझे अमोल? बोल तोता!बोल। कौन… Read More »रामदेव सिंह ‘कलाधर’की रचनाएँ

रामदेव भावुक की रचनाएँ

  जवानी पैंचा नै लेबै लिखलाका मेटाय देवै, अपना लिलार के ठूठ पाखड़ के किरिया, पकबा इनार के बरगबिहीन मजुरबा के राज हो बनैबै शोषण… Read More »रामदेव भावुक की रचनाएँ

रामदुलारा सिंह ‘पराया’की रचनाएँ

कैसा जन्म दिवस जन्म दिवस पर पापा मेरे लाए खूब मिठाई, मम्मी-पापा, मैंने खाई जम कर खूब मिठाई! पर दादी की थाली से जब- गायब… Read More »रामदुलारा सिंह ‘पराया’की रचनाएँ

रामदरश मिश्र की रचनाएँ

तुम और मैंः दो आयाम (एक) बहुत दिनों के बाद हम उसी नदी के तट से गुज़रे जहाँ नहाते हुए नदी के साथ हो लेते… Read More »रामदरश मिश्र की रचनाएँ

रामजी की रचनाएँ

चोथतीँ चकोरैँ चँहु औरैँ जानि चँदमुखी चोथतीँ चकोरैँ चँहु औरैँ जानि चँदमुखी , रही बचि डरन दसन दुति दँपा के । लीलि जाते बर ही… Read More »रामजी की रचनाएँ