कुलदीप कुमार की रचनाएँ
वह चेहरा आज फिर दिखीं वे आँखें किसी और माथे के नीचे वैसी ही गहरी काली उदास फिर कहीं दिखे वे सांवले होंठ अपनी ख़ामोशी… Read More »कुलदीप कुमार की रचनाएँ
वह चेहरा आज फिर दिखीं वे आँखें किसी और माथे के नीचे वैसी ही गहरी काली उदास फिर कहीं दिखे वे सांवले होंठ अपनी ख़ामोशी… Read More »कुलदीप कुमार की रचनाएँ
गुलाब गुलाब को नहीं जानते आप और वह भी आपको नहीं जानता और सच्चाई तो यह है कि मैं भी पूरी तरह नहीं जानता गुलाब… Read More »कैलाश मनहर की रचनाएँ
मंगलाचरण ओ ध्वनि के जीवन धन तुम ही हो औंकार अनुभूति के संवाहक हो अंकनी के सृजनहार भावों को साकार करो ओ शब्द करो निर्माण।… Read More »कैलाश पण्डा की रचनाएँ
प्यारी नानी मम्मी की भी मम्मी हैये अपनी प्यारी नानी, दुलरा देती जब हम करते- हैं कोई शैतानी। नहीं मारती, नहीं डाँटती बिल्कुल सीधी सादी,… Read More »वसु मालवीय की रचनाएँ
मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते इसीलिए तो तुम्हें हम नज़र नहीं आते मुहब्बतों के दिनों… Read More »वसीम बरेलवी की रचनाएँ
आँखों में चुभ गईं तिरी यादों की किर्चियाँ आँखों में चुभ गईं तिरी यादों की किर्चियाँ काँधों पे ग़म की शाल है और चाँद रात… Read More »वसी शाह की रचनाएँ
सेल्फ़ पोर्ट्रेट यह जो कटा-फटा-सा कच्चा-कच्चा और मासूम चेहरा है उसे ज़माने की भट्ठी ने ख़ूब-ख़ूब तपाया है केवल आरामशीन नहीं चली लेकिन हड्डियों और… Read More »वसंत त्रिपाठी की रचनाएँ
जो भूखा है जो भूखा है छीन झपटकर खाएगा कब तक कोई सहमेगा शरमाएगा अपनी भाषा घी शक्कर सी होती है घैर की भाषा बोलेगा… Read More »वशिष्ठ अनूप की रचनाएँ
याद करना हर घडी़ उस यार का याद करना हर घड़ी उस यार का है वज़ीफ़ा मुझ दिल-ए-बीमार का आरज़ू-ए-चश्मा-ए-कौसर नहीं तिश्नालब हूँ शर्बत-ए-दीदार का… Read More »वली दक्कनी की रचनाएँ
भेलै केहन ससुरा केहन हम्मर नैहर रहै भेलै केहन ससुरा। बूँदा-बूदी होत्तेॅ होय छै कादऽ कैसन गाँव में केना केॅ वियाह कैलन बाबू ऐसन गाँव… Read More »कैलाश झा ‘किंकर’ की रचनाएँ