Skip to content

बिन जिया जीवन

कुलदीप कुमार की रचनाएँ

वह चेहरा  आज फिर दिखीं वे आँखें किसी और माथे के नीचे वैसी ही गहरी काली उदास फिर कहीं दिखे वे सांवले होंठ अपनी ख़ामोशी… Read More »कुलदीप कुमार की रचनाएँ