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Hindi

घाघ की रचनाएँ

दोहे सर्व तपै जो रोहिनी, सर्व तपै जो मूर। परिवा तपै जो जेठ की, उपजै सातो तूर॥1॥ शुक्रवार की बादरी, रही सनीचर छाय। तो यों… Read More »घाघ की रचनाएँ

घनानंद की रचनाएँ

वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि, वहै वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि, वहै लड़कीली बानि आनि उर मैं अरति है। वहै गति लैन औ बजावनि ललित… Read More »घनानंद की रचनाएँ

घनश्याम चन्द्र गुप्त की रचनाएँ

तुम असीम रूप तुम्हारा, गंध तुम्हारी, मेरा तो बस स्पर्श मात्र है लक्ष्य तुम्हारा, प्राप्ति तुम्हारी, मेरा तो संघर्ष मात्र है तुम असीम, मैं क्षुद्र… Read More »घनश्याम चन्द्र गुप्त की रचनाएँ

घनश्याम कुमार ‘देवांश’की रचनाएँ

इन पहाड़ों पर….-1 तवांग के ख़ूबसूरत पहाड़ों से उपजते हुए… सामने पहाड़ दिनभर बादलों के तकिए पर सर रखे ऊँघते हैं और सूरज रखता है… Read More »घनश्याम कुमार ‘देवांश’की रचनाएँ

अमीर खुसरो की रचनाएँ

पहेलियाँ १.तरवर से इक तिरिया उतरी उसने बहुत रिझायाबाप का उससे नाम जो पूछा आधा नाम बतायाआधा नाम पिता पर प्यारा बूझ पहेली मोरीअमीर ख़ुसरो… Read More »अमीर खुसरो की रचनाएँ

‘अमीर’ क़ज़लबाश की रचनाएँ

आँखें खुली हुई है तो मंज़र भी आँखें खुली हुई है तो मंज़र भी आएगा काँधों पे तेरे सर है तो पत्थर भी आएगा हर… Read More »‘अमीर’ क़ज़लबाश की रचनाएँ

अमीर इमाम की रचनाएँ

अब इस जहान-ए-बरहना का इस्तिआरा हुआ  अब इस जहान-ए-बरहना का इस्तिआरा हुआ मैं ज़िंदगी तिरा इक पैरहन उतारा हुआ सियाह-ख़ून टपकता है लम्हे लम्हे से… Read More »अमीर इमाम की रचनाएँ

अमीन हज़ीं की रचनाएँ

अफ़्साना-ए-हयात को दोहरा रहा हूँ मैं  अफ़्साना-ए-हयात को दोहरा रहा हूँ मैं यूँ अपनी उम्र-ए-रफ़्ता को लौटा रहा हूँ मैं इक इक क़दम पे दर्स-ए-वफ़ा… Read More »अमीन हज़ीं की रचनाएँ

अमीन अशरफ़ की रचनाएँ

कभी कभी जो वो मिलता तो  कभी कभी जो वो मिलता तो दिल में जा करता विसाल-ए गोश-ए बाब-ए सुख़न भी वा करता वो ख़ुदशनाश… Read More »अमीन अशरफ़ की रचनाएँ

‘अमीक’ हनफ़ी की रचनाएँ

ऐनक के दोनों शीशे ही अटे हुए थे  ऐनक के दोनों शीशे ही अटे हुए थे धूल में हाथ पड़ गया काँटों पर फूलों के… Read More »‘अमीक’ हनफ़ी की रचनाएँ