हफ़ीज़ मेरठी की रचनाएँ
अच्छी तरह ज़रा मुझे पहचान ज़िंदगी अच्छी तरह ज़रा मुझे पहचान ज़िंदगी इंसान हूँ मैं हज़रते -इन्सान ज़िंदगी। पहने हुए है रेशमो -कमख़्वाब का क़फ़न… Read More »हफ़ीज़ मेरठी की रचनाएँ
अच्छी तरह ज़रा मुझे पहचान ज़िंदगी अच्छी तरह ज़रा मुझे पहचान ज़िंदगी इंसान हूँ मैं हज़रते -इन्सान ज़िंदगी। पहने हुए है रेशमो -कमख़्वाब का क़फ़न… Read More »हफ़ीज़ मेरठी की रचनाएँ
चाँद पर नाव आँख देखने के लिए नज़र चाहिए ठीक हो दूर और पास की तो कहना ही क्या बाज़ार को दूर से देखने पर… Read More »हेमन्त कुकरेती की रचनाएँ
दुश्मन को ज़द पर आ जाने दो दुश्ना मिल जाएगा दुश्मन को ज़द पर आ जाने दो दुश्ना मिल जाएगा ज़िंदानों को तोड़ निकलने का… Read More »हसन अब्बास रजा की रचनाएँ
उठे बादल, झुके बादल उधर उस नीम की कलगी पकड़ने को झुके बादल। नयी रंगत सुहानी चढ़ रही है सब के माथे पर। उड़े बगुल,… Read More »हरिनारायण व्यास की रचनाएँ
आज सौदाए मोहब्बत की ये अर्ज़ानी है आज सौदाए मोहब्बत की ये अर्ज़ानी है काम बे-कार जवानों का ग़ज़ल-ख़्वानी है ग़म की तकमील का सामान… Read More »हेंसन रेहानी की रचनाएँ
नानी की नाव नाव चली, नानी की नाव चली, नीना की नानी की नाव चली! लंबे सफ़र पे आओ चलो, भागे चलो जागो चलो, आओ,… Read More »हरेंद्रनाथ चट्टोपाध्याय की रचनाएँ
बेवफ़ा ऐसे तो हरगिज़ न थे पहले हम लोग बेवफ़ा ऐसे तो हरगिज़ न थे पहले हम लोग एक ही शह्र में रहकर नहीं मिलते… Read More »हनीफ़ राही की रचनाएँ
मन बहुत है आज तपती रेत पर कुछ छंद लहरों के लिखें हम समय के अतिरेक को हम साथ ले अपने स्वरों में मन बहुत… Read More »हृदयेश की रचनाएँ
कर्त्तव्य अभी तू यहीं कहीं थी – पास में और लुटा रही थी अपने नीले गले से रस माधुरी। मैं सावधान सिपाही चौकस संगीन ताने… Read More »हरे राम सिंह की रचनाएँ
तिनका बयारि के बस तिनका बयारि के बस। ज्यौं भावै त्यौं उडाइ लै जाइ आपने रस॥ ब्रह्मलोक सिवलोक और लोक अस। कह ‘हरिदास बिचारि देख्यो,… Read More »हरिदास की रचनाएँ