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Hindi

सलीम फ़िगार की रचनाएँ

कहीं आँखें कहीं बाज़ू कहीं से सर निकल आए  कहीं आँखें कहीं बाज़ू कहीं से सर निकल आए अंधेरा फैलते ही हर तरफ़ से डर… Read More »सलीम फ़िगार की रचनाएँ

सलीम कौसर की रचनाएँ

मैं ख़्याल हूँ किसी और का  मैं ख़्याल हूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है, सरे-आईना[1]मेरा अक्स है, पसे-आइना[2]कोई और है। मैं किसी… Read More »सलीम कौसर की रचनाएँ

सलीम अहमद की रचनाएँ

बैठे हैं सुनहरी कश्ती में और सामने नीला पानी है बैठे हैं सुनहरी कश्ती में और सामने नीला पानी है वो हँसती आँखें पूछती हैं… Read More »सलीम अहमद की रचनाएँ

सलाम मछलीशहरी की रचनाएँ

रद्द-ए-अमल इक हक़ीक़त इक तख़य्युल नक़रई सी एक कश्ती दो मुनव्व क़ुमकमे इन पे मग़रूर थी इस ज़मीं की हूर थी किस क़दर मसरूर थी… Read More »सलाम मछलीशहरी की रचनाएँ

सलमान अख़्तर की रचनाएँ

दोस्ती कुछ नहीं उल्फ़त का सिला कुछ भी नहीं  दोस्ती कुछ नहीं उल्फ़त का सिला कुछ भी नहीं आज दुनिया में बजुज़ ज़ेहन-रसा कुछ भी… Read More »सलमान अख़्तर की रचनाएँ

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की रचनाएँ

देह का संगीत मूझे चूमो और फूल बना दो मुझे चूमो और फल बना दो मुझे चूमो और बीज बना दो मुझे चूमो और वृक्ष… Read More »सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की रचनाएँ

सर्वत एम जमाल की रचनाएँ

नज़्में बाढ़ या सूखा ….. पीठ पर, लोगों ने फिर रख लीं सलीबें हैं, हाकिमों के हाथों में शायद जरीबें हैं। ‘राजधानी कूच’ का पैगाम… Read More »सर्वत एम जमाल की रचनाएँ

सरोजिनी प्रीतम की रचनाएँ

गुड़िया के गहने गुड़िया के घर आए चोर! गुड़िया मचा सकी ना शोर कुत्ते ने पूछा-भौं-भौं गुड़िया रानी, तू चुप क्यों? कौए ने पूछा-काँ-काँ तेरे… Read More »सरोजिनी प्रीतम की रचनाएँ

सरोजिनी कुलश्रेष्ठ की रचनाएँ

भूकंप माँ! धरती क्यों डोल रही थी, ‘घुर-घुर’ कर क्यों बोल रही थी? इसके ऊपर हम रहते हैं, कूद-फाँद करते रहते हैं। तब सह लेती… Read More »सरोजिनी कुलश्रेष्ठ की रचनाएँ

सरोजिनी अग्रवाल की रचनाएँ

मेरे मामा मेरे मामा बड़े निराले, थोड़े गोरे थोड़े काले। मुझको कहते गड़बड़झाला पर खुद पूरे गरम मसाला, जाने कितने तोते पाले! मेरे मामा बड़े… Read More »सरोजिनी अग्रवाल की रचनाएँ