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सलीम फ़िगार

सलीम फ़िगार की रचनाएँ

कहीं आँखें कहीं बाज़ू कहीं से सर निकल आए  कहीं आँखें कहीं बाज़ू कहीं से सर निकल आए अंधेरा फैलते ही हर तरफ़ से डर… Read More »सलीम फ़िगार की रचनाएँ