सरोज सिंह की रचनाएँ
गृहस्थी की काँवर परिणय मंडप में धरे गए दो कलशों में बराबर, भरे गए मधुर संबंधों के सभी तत्व प्रेम, मैत्री, स्नेह और विश्वास और… Read More »सरोज सिंह की रचनाएँ
गृहस्थी की काँवर परिणय मंडप में धरे गए दो कलशों में बराबर, भरे गए मधुर संबंधों के सभी तत्व प्रेम, मैत्री, स्नेह और विश्वास और… Read More »सरोज सिंह की रचनाएँ
टूटे पंखों वाली चिड़िया अलसुबह जब तुम नर्म घास घास पर हल्के-से पाँव रखते हो तुम्हारे पिछवाड़े की गली में नगर पालिका के नल पर… Read More »सरोज परमार की रचनाएँ
चीटियाँ वे जब तक संतुष्ट रहीं मरे पड़े कीड़े-मकोड़े खाकर हम इठलाते रहे अपनी बुद्धि पर धीरे – धीरे उनकी नज़रें ललचाईं वे बढ़ने लगीं… Read More »सरिता स्निग्ध ज्योत्स्ना की रचनाएँ
चुलबुली गुड़िया खिल-खिल हँसे चुलबुली गुड़िया, गुड़िया है आफत की पुड़िया! दिन भर नाचे, मुझे नचाए, तुतलाए जब गाना गाए। झालर वाला धानी लहँगा, सिर… Read More »सरिता शर्मा की रचनाएँ
आदिवासी / प्रमोद धिताल इस मिट्टी में गिरा हुआ आदिम बीज हूँ मैं इसी में उगा हुआ पौधा हुँ यहीं की हवा में साँस लेकर… Read More »सरिता तिवारी की रचनाएँ
राहुल सांकृत्यायन द्वारा अनूदित वज्रगीतियाँ जिमि पवन-घाते अचल जल जिमि पवन-घाते अचल जल, चलै तरंगित होइ । जिमि मूढ़ विलोम नेत्र को, एकै द्वीप दो… Read More »सरहपा की रचनाएँ
नव स्वर देने को आओ, इस नववर्ष पर खोलें वातायन परिचय के और निस्तरंग जीवन में हवा के बिखरे पन्नों को समेट कर खोजें पाँव… Read More »सरस्वती माथुर की रचनाएँ
पद / 1 जिला जु आजमगढ़ अहै ता महँ एक बिचित्र। ग्राम कोइरियापार के कवि द्विज रामचरित्र। ताको कन्या एक मैं मूर्ति मूर्खता केरि। कुलवंतिन-पद… Read More »सरस्वती देवी की रचनाएँ
चिड़िया आई चिड़िया आई, तिनके लाई, उड़ी फुर्र से, फिर से आई। चिड़ा चिड़चिड़ा, चिड़िया भोली, चूँ-चूँ-चूँ चिड़िया की बोली, बोली, जैसे शरबत घोली, सुन-सुन… Read More »सरस्वती कुमार दीपक की रचनाएँ
पदमनी अंदलीबों को मिली आह-ओ-बुका की तालीम और परवानों को दी सोज़-ए-वफ़ा की तालीम जब हर इक चीज़ को क़ुदरत ने अता की तालीम आई… Read More »सरवर जहानाबादी की रचनाएँ