कविता वाचक्नवी की रचनाएँ
मैं चल तो दूँ (कविता) मैं चल तो दूँ पर उन सबको साथ लेकर चलने की इच्छा का क्या करूँ जिन्हें चलना नहीं आता मैं… Read More »कविता वाचक्नवी की रचनाएँ
मैं चल तो दूँ (कविता) मैं चल तो दूँ पर उन सबको साथ लेकर चलने की इच्छा का क्या करूँ जिन्हें चलना नहीं आता मैं… Read More »कविता वाचक्नवी की रचनाएँ
वस्ल के ख़्वाब सज़ा कर के सहर जाती है वस्ल के ख़्वाब सज़ा कर के सहर जाती है आलमें-हिज्र में ये रात गुज़र जाती है… Read More »कविता सिंह की रचनाएँ
कर्मयोग आत्मसाक्षात्कार की लड़ाई है- इन्द्रिय भोग से निर्वृति! सारे द्वंदों से मुक्ति! राग और क्रोध से विरक्ति! इच्छाओं की तुष्टि में सख्ती! सिर्फ एक… Read More »कविता मालवीय की रचनाएँ
आज ये मन आज ये आँखें देखती रही राह तुम्हारी पलकें मूँदकर डूबी रही सपनों में तुम्हारे आज मेरे ये कान तरस गए आहट तुम्हारी… Read More »कविता भट्ट की रचनाएँ
नींव नींव की कोई ज़मीन नहीं होती जहाँ से काम शुरू किया जाता है उसे नींव का नाम दिया जाता है नींव की वह पहली… Read More »कविता पनिया की रचनाएँ
सोच सोच टूटे दरख़्त टूटे घर टूटे रिश्ते बड़े होटल बड़े काम्पलेकस बड़े देश बड़ी लालसा बड़ी रिश्वत बड़ी शत्रुता बड़ा काण्ड बडा स्वार्थ बड़ा… Read More »कविता गौड़ की रचनाएँ
है समंदर को सफीना कर लिया है समंदर को सफ़ीना कर लिया हमने यूँ आसान जीना कर लिया अब नहीं है दूर मंजिल सोचकर साफ़… Read More »कविता “किरण” की रचनाएँ
मेरी गुड़िया मेरी गुड़िया बड़ी सयानी, पढ़कर आई है हल्द्वानी। सूरत से लगती सेठानी, दिनभर सुनती नई कहानी। उसके पीले हाथ करूँगी, अब उसकी शादी… Read More »कल्याण कुमार जैन ‘शशि’ की रचनाएँ
चिन्मय भोर ढूंढ लायें क्यारियों से एक चिन्मय भोर फिर बाँटें उजाले। चिमनियों ने छितिज से शबनम चुराई रात रोई बुलबुलों ने कंठ मे सरगम… Read More »कल्पना ‘मनोरमा’ की रचनाएँ