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आचार्य सारथी रूमी की रचनाएँ

भले ही मैं तुझे मय कह चुका हूँ  भले ही मैं तुझे मय कह चुका हूँ, हक़ीक़त में तो मैं तेरा नशा हूँ! लकीरों में… Read More »आचार्य सारथी रूमी की रचनाएँ

आचार्य अज्ञात की रचनाएँ

गप्पू जी फिसले  आलू की पकौड़ी, दही के बड़े, मुन्नी की चुन्नी में तारे जड़े। मँूग की मँगौड़ी, कलमी बड़े, मंगू की छत पर दो… Read More »आचार्य अज्ञात की रचनाएँ

आग्नेय की रचनाएँ

आखेट तुम उस परिन्दे की तरह कब तक डैने फड़फड़ाओगे जिसकी गर्दन पर रखा हुआ है चाहत का चाकू उड़ान भरने से पहले ही तुमने… Read More »आग्नेय की रचनाएँ

आग़ा ‘शाएर’ क़ज़लबाश की रचनाएँ

बहार आई है फिर चमन में नसीम बहार आई है फिर चमन में नसीम इठला के चल रही है हर एक गुंचा चटक रहा है… Read More »आग़ा ‘शाएर’ क़ज़लबाश की रचनाएँ

आकांक्षा पारे की रचनाएँ

टुकड़ों में भलाई  हर जगह मचा है शोर ख़त्म हो गया है अच्छा आदमी रोज़ आती हैं ख़बरें अच्छे आदमी का साँचा बेच दिया है… Read More »आकांक्षा पारे की रचनाएँ

अहसान बिन ‘दानिश’ की रचनाएँ

कुत्ता और मज़दूर  कुत्ता इक कोठी के दरवाज़े पे भूँका यक़बयक़ रूई की गद्दी थी जिसकी पुश्त से गरदन तलक रास्ते की सिम्त सीना बेख़तर… Read More »अहसान बिन ‘दानिश’ की रचनाएँ

अहसनुल्लाह ख़ान ‘बयाँ’ की रचनाएँ

इश्वा है नाज़ है ग़म्ज़ा है अदा है इश्वा है नाज़ है ग़म्ज़ा है अदा है क्या है क़हर है सेहर है जादू है बला… Read More »अहसनुल्लाह ख़ान ‘बयाँ’ की रचनाएँ

अहसन यूसुफ़ ज़ई की रचनाएँ

घर घर आपस में दुश्मनी भी है घर घर आपस में दुश्मनी भी है बस खचा-खच भी हुई भी है एक लम्हे के वास्ते ही… Read More »अहसन यूसुफ़ ज़ई की रचनाएँ

‘अहसन’ मारहरवी की रचनाएँ

ऐ दिल न सुन अफ़साना किसी शोख़ हसीं का ऐ दिल न सुन अफ़साना किसी शोख़ हसीं का ना-आक़ेबत-अँदेश रहेगा न कहीं का दुनिया का… Read More »‘अहसन’ मारहरवी की रचनाएँ