घनश्याम चन्द्र गुप्त की रचनाएँ
तुम असीम रूप तुम्हारा, गंध तुम्हारी, मेरा तो बस स्पर्श मात्र है लक्ष्य तुम्हारा, प्राप्ति तुम्हारी, मेरा तो संघर्ष मात्र है तुम असीम, मैं क्षुद्र… Read More »घनश्याम चन्द्र गुप्त की रचनाएँ
तुम असीम रूप तुम्हारा, गंध तुम्हारी, मेरा तो बस स्पर्श मात्र है लक्ष्य तुम्हारा, प्राप्ति तुम्हारी, मेरा तो संघर्ष मात्र है तुम असीम, मैं क्षुद्र… Read More »घनश्याम चन्द्र गुप्त की रचनाएँ
इन पहाड़ों पर….-1 तवांग के ख़ूबसूरत पहाड़ों से उपजते हुए… सामने पहाड़ दिनभर बादलों के तकिए पर सर रखे ऊँघते हैं और सूरज रखता है… Read More »घनश्याम कुमार ‘देवांश’की रचनाएँ
पहेलियाँ १.तरवर से इक तिरिया उतरी उसने बहुत रिझायाबाप का उससे नाम जो पूछा आधा नाम बतायाआधा नाम पिता पर प्यारा बूझ पहेली मोरीअमीर ख़ुसरो… Read More »अमीर खुसरो की रचनाएँ
आँखें खुली हुई है तो मंज़र भी आँखें खुली हुई है तो मंज़र भी आएगा काँधों पे तेरे सर है तो पत्थर भी आएगा हर… Read More »‘अमीर’ क़ज़लबाश की रचनाएँ
अब इस जहान-ए-बरहना का इस्तिआरा हुआ अब इस जहान-ए-बरहना का इस्तिआरा हुआ मैं ज़िंदगी तिरा इक पैरहन उतारा हुआ सियाह-ख़ून टपकता है लम्हे लम्हे से… Read More »अमीर इमाम की रचनाएँ
अफ़्साना-ए-हयात को दोहरा रहा हूँ मैं अफ़्साना-ए-हयात को दोहरा रहा हूँ मैं यूँ अपनी उम्र-ए-रफ़्ता को लौटा रहा हूँ मैं इक इक क़दम पे दर्स-ए-वफ़ा… Read More »अमीन हज़ीं की रचनाएँ
कभी कभी जो वो मिलता तो कभी कभी जो वो मिलता तो दिल में जा करता विसाल-ए गोश-ए बाब-ए सुख़न भी वा करता वो ख़ुदशनाश… Read More »अमीन अशरफ़ की रचनाएँ
ऐनक के दोनों शीशे ही अटे हुए थे ऐनक के दोनों शीशे ही अटे हुए थे धूल में हाथ पड़ गया काँटों पर फूलों के… Read More »‘अमीक’ हनफ़ी की रचनाएँ
मेरे सपनों का भारत हर चेहरे पर मुस्कान हो, हर हाथों को काम हो। गगन चुम्बी स्वाभिमान हो, हर भारतवासी कीर्तिमान हो।। वाणी में मिठास… Read More »अमिताभ रंजन झा ‘प्रवासी’ की रचनाएँ
हमारा दर्शन थोड़ी-बहुत सम्पत्ति अरजने में कोई बुराई नहीं बेईमानी से एक फ़ासला बनाकर जीना सम्भव है ईमानदारी के पैसे से घर बनाया जा सकता… Read More »अमिताभ बच्चन की रचनाएँ