त्रिभुवन नाथ आज़ाद ‘सैनिक’ की रचनाएँ
विदेशी वस्त्र सितमगर की हस्ती मिटानी पड़ेगी, हमें अपनी करके दिखानी पड़ेगी। कभी उफ़ न लाएंगे अपनी जुबां पर, मुसीबत सभी कुछ उठानी पड़ेगी। बहुत… Read More »त्रिभुवन नाथ आज़ाद ‘सैनिक’ की रचनाएँ
विदेशी वस्त्र सितमगर की हस्ती मिटानी पड़ेगी, हमें अपनी करके दिखानी पड़ेगी। कभी उफ़ न लाएंगे अपनी जुबां पर, मुसीबत सभी कुछ उठानी पड़ेगी। बहुत… Read More »त्रिभुवन नाथ आज़ाद ‘सैनिक’ की रचनाएँ
बेचारा आम आदमी गाँधी जी के तीन बंदरतीनो मेरे अन्दरकुलबुलाते हैंबुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहोपर देखता हूँ, सुनता हूँ, कहता हूँI… Read More »त्रिभवन कौल की रचनाएँ
आज़ादी जुबां तुम काट लो या फिर लगा दो होंठ पर ताले मिरी आवाज़ पर कोई भी पहरा हो नहीं सकता मुझे तुम बन्द कर… Read More »त्रिपुरारि कुमार शर्मा की रचनाएँ
अभी-अभी अभी-अभी एक शब्द जनमा उस बच्चे के मुँह से माँ से जनमी एक पूरी भाषा समृद्ध अभी-अभी यह समय था तुम्हारा अब हुआ किसी… Read More »शहंशाह आलम की रचनाएँ
क्षणिकाएँ बोरसी पुसोॅ मेॅ कोहोॅ के आगू रात भर डरी-डरी जलै छै बोरसी सोची केॅ सब केॅ जाड़ोॅ सेॅ बचौइयै कि खुद केॅ । परिवार… Read More »अमन चाँदपुरी की रचनाएँ
नालए-जाने-ख़स्ता जाँ नालए-जाने-ख़स्ता-जाँ[1], अर्शेबरींपै[2] जाये क्यों? मेरे लिए ज़मीन पर साहबे-अर्श[3] आये क्यों? नूरे-ज़मीं-ओ-आसमाँ, दीदये-दिल में आये क्यों? मेरे सियाह-ख़ाने में कोई दिया जलाये क्यों? ज़ख़्म को… Read More »अमजद हैदराबादी की रचनाएँ
आईनों में अक्स न हों तो आईनों में अक्स न हों तो हैरत रहती है जैसे ख़ाली आँखों में भी वहशत रहती है हर दम… Read More »अमजद इस्लाम अमजद की रचनाएँ
अब इख़्तियार में मौजें न ये रवानी है अब इख़्तियार में मौजें न ये रवानी है मैं बह रहा हूँ कि मेरा वजूद पानी है… Read More »अभिषेक शुक्ला की रचनाएँ
मुझको रोज़ाना नए ख़्वाब दिखाने वाले मुझको रोज़ाना नए ख़्वाब दिखाने वाले। बेवफ़ा कहते हैं तुझको ये ज़माने वाले। तू सलामत रहे मंज़िल पे पहुंचकर… Read More »अभिषेक कुमार अम्बर की रचनाएँ
सुनो नवागत, सुनो नवागत सुनो! नवागत, सुनो! नवागत आने से पहले, कुछ शर्तें हैं मेरी कलश गिराने से पहले। गंतव्यों से पहले बातें मंतव्यों की… Read More »अभिषेक औदिच्य की रचनाएँ