शचीन्द्र भटनागर की रचनाएँ
चाहत दिवस मास बीतते रहे रंग और गुलाल के लिए चाहत थी सुबह दोपहर कभी रंगभरा ! क्षण हमें मिले चट्टानों बीच किसी सन्धि में कोई… Read More »शचीन्द्र भटनागर की रचनाएँ
चाहत दिवस मास बीतते रहे रंग और गुलाल के लिए चाहत थी सुबह दोपहर कभी रंगभरा ! क्षण हमें मिले चट्टानों बीच किसी सन्धि में कोई… Read More »शचीन्द्र भटनागर की रचनाएँ
आकर गिरा था कोई परिंदा लहू में तर आकर गिरा था कोई परिंदा लहू में तर । तस्वीर अपनी छोड़ गया है चट्टान पर ।… Read More »शकेब जलाली की रचनाएँ
सफ़र हो शाह का या क़ाफ़िला फ़क़ीरों का सफ़र हो शाह का या क़ाफ़िला फ़क़ीरों का शजर मिज़ाज समझते हैं राहगीरों का किसी दरख़्त से… Read More »अतुल अजनबी की रचनाएँ
चलो सुरंग से पहले गुज़र के देखा जाए चलो सुरंग से पहले गुज़र के देखा जाए फिर इस पहाड़ को काँधों पे धर के देखा… Read More »अतीक़ुल्लाह की रचनाएँ
अगरचे लाई थी कल रात कुछ नजात हवा अगरचे लाई थी कल रात कुछ नजात हवा उड़ा के ले गई बादल भी साथ साथ हवा… Read More »अतीक़ इलाहाबादी की रचनाएँ
आसमानों में भी दरवाज़ा लगा कर देखें आसमानों में भी दरवाज़ा लगा कर देखें क़ामत-ए-हुस्न का अंदाज़ा लगा कर देखें इश्क़ तो अपने लहू में… Read More »अता तुराब की रचनाएँ
‘अतहर’ तुम ने इश्क़ किया कुछ तुम भी कहो क्या हाल हुआ ‘अतहर’ तुम ने इश्क़ किया कुछ तुम भी कहो क्या हाल हुआ कोई… Read More »अतहर नफीस की रचनाएँ
मैंने जन्म नहीं मांगा था! मैंने जन्म नहीं मांगा था, किन्तु मरण की मांग करुँगा। जाने कितनी बार जिया हूँ, जाने कितनी बार मरा हूँ।… Read More »अटल बिहारी वाजपेयी की रचनाएँ
विकल्प वेदी तेरी पर माँ, हम क्या शीश नवाएँ? तेरे चरणों पर माँ, हम क्या फूल चढ़ाएँ? हाथों में है खड्ग हमारे, लौह-मुकुट है सिर… Read More »अज्ञेय की रचनाएँ
स्तुति इस दुनिया में दो दिन गुजारा है अब; नहीं यहाँ किसी का इजारा है अब। तेरे तक अक़्ल को रसाई नहीं; इसी जापै इंसान… Read More »अज्ञात हिन्दू महिला की रचनाएँ