अभिराम शर्मा की रचनाएँ
पागलपन जीवन मुक्त हुआ उन्मादी! दे दे मुझे गरल की प्याली- क्यों मेरी मदिरा ढुलका दी? अरे, अरे! यह भीषण ज्वाला- तूने कैसे कहां लगा… Read More »अभिराम शर्मा की रचनाएँ
पागलपन जीवन मुक्त हुआ उन्मादी! दे दे मुझे गरल की प्याली- क्यों मेरी मदिरा ढुलका दी? अरे, अरे! यह भीषण ज्वाला- तूने कैसे कहां लगा… Read More »अभिराम शर्मा की रचनाएँ
छोटी चिड़िया, बड़ी चिड़िया छोटी चिड़िया पेड़ पर, बैठी बड़ी मुंडेर पर! छोटी चिड़िया ने फल खाए और बड़ी ने दाने, फिर दोनों ने, चीं-चीं,… Read More »अभिरंजन कुमार की रचनाएँ
मांद से बाहर चुप मत रह तू खौफ से कुछ बोल बजा वह ढोल जिसे सुन खौल उठें सब ये चुप्पी मौत मरें क्यों हम… Read More »अभिनव अरुण की रचनाएँ
प्रीत नैना चोरा के राखल बा (ग़ज़ल) सगरो ऐना चोरा के राखल बा। सच के गहना चोरा के राखल बा। ऊ कसम खाके झूठ बोलै… Read More »अभिज्ञात की रचनाएँ
किसान तब मैं उम्र में बहुत छोटा था, ढोर चराता और घास ढोता था । मैंने देखा था मेरे बाब्बू हल जोतकर, बैठे थे हुक्का… Read More »अभय मौर्य की रचनाएँ
अश्क ढलते नहीं देखे जाते अश्क ढलते नहीं देखे जाते दिल पिघलते नहीं देखे जाते फूल दुश्मन के हों या अपने हों फूल जलते नहीं… Read More »अब्दुल्लाह ‘जावेद’ की रचनाएँ
अजीब शय है के सूरत बदलती जाती है अजीब शय है के सूरत बदलती जाती है ये शाम जैसे मक़ाबिर में ढलती जाती है चहार… Read More »अब्दुल हमीद की रचनाएँ
आगही में इक ख़ला मौजूद है आगही में इक ख़ला मौजूद है इस का मतलब है ख़ुदा मौजूद है है यक़ीनन कुछ मगर वाज़ेह नहीं… Read More »अब्दुल हमीद ‘अदम’ की रचनाएँ
जागो और जगाओ जागो और जगाओ! बीत चुकीं आलस की घड़ियाँ, जाग उठीं अब सारी चिड़ियाँ! जागे फूल खिली अब कलियाँ! तुम भी जागो आओ,… Read More »अब्दुल रहमान सागरी की रचनाएँ
दिन प्यारे गुड़धानी के तान तड़ातड़-तान तड़ातड़ पानी पड़ता पड़-पड़-पड़! तरपट-तरपट टीन बोलते, सूखे पत्ते खड़-खड़-खड़। ठुम्मक-ठुम्मक झरना ठुमका, इठलाती जलधार चली। खेतों में हरियाली… Read More »अब्दुल मलिक खान की रचनाएँ