साबिर दत्त की रचनाएँ
चाँदनी रात में शानों से ढलकती चादर चाँदनी रात में शानों से ढलकती चादर जिस्म है या कोई शमसीर निकल आई है मुद्दतों बाद उठाए… Read More »साबिर दत्त की रचनाएँ
चाँदनी रात में शानों से ढलकती चादर चाँदनी रात में शानों से ढलकती चादर जिस्म है या कोई शमसीर निकल आई है मुद्दतों बाद उठाए… Read More »साबिर दत्त की रचनाएँ
ज़रूरत यह प्यार नहीं है ज़रूरतें हैं तुम्हारी मेरी बच्चों की जो, बांधे रखती हैं तुमको–मुझको बच्चों को एक बंधन जो कहलाता है अटूट जाता… Read More »साधना सिन्हा की रचनाएँ
एक चुनौती देष की नारी सावधान हो । नई चुनौती आयी ह,ै नये नियमों के ताल मेल में एक बुझी मसाल लायी है । आरक्षण… Read More »साधना जोशी की रचनाएँ
दुनिया से कुफ्रे – आम मिटाया हुज़ूर ने दुनिया से कुफ्रे – आम मिटाया हुज़ूर ने इन्सानियत का दर्स सिखाया हुज़ूर ने इन्सानी ज़िन्दगी पे… Read More »सादिक़ रिज़वी की रचनाएँ
इक सवाल खुदा-ए-बरतर से हम इस ज़मीन ओ आसमाँ के दरमियाँ हैरान हैं और सर-गराँ ऐ ख़ुदा-ए-दो जहाँ ! ऐ हर्फ़-ए-कुन के राज़-दाँ ! ऐ मम्बा-ए-कौन-ओ-मकाँ ! इतना… Read More »साजीदा ज़ैदी की रचनाएँ
अज़्मत-ए-ज़िन्दगी को बेच दिया अज़्मत-ए-ज़िन्दगी को बेच दिया हम ने अपनी ख़ुशी को बेच दिया चश्म-ए-साक़ी के इक इशारे पे उम्र की तिश्नगि को बेच… Read More »साग़र सिद्दीक़ी की रचनाएँ
महात्मा गांधी कैसा संत हमारा गांधी कैसा संत हमारा! दुनिया गो थी दुश्मन उसकी दुश्मन था जग सारा । आख़िर में जब देखा साधो वह… Read More »साग़र निज़ामी की रचनाएँ
अमानत मोहतसिब के घर शराब-ए-अर्ग़वाँ रख दी अमानत मोहतसिब के घर शराब-ए-अर्ग़वाँ रख दी तो ये समझो कि बुनियाद-ए-ख़राबात-ए-मुग़ाँ रख दी कहूँ क्या पेश-ए-ज़ाहिद क्यूँ… Read More »साइल देहलवी की रचनाएँ
काल थे खुद आ गूंग थांरी फोड़ा घालसी कदैई थांनै ई मिनख नै मार-मार मोदीजो भलांई मन में पण काल थे खुद सोध-सोध हार जावोला… Read More »सांवर दइया की रचनाएँ
दावर ने बंदे बंदों ने दावर बना दिया दावर ने बंदे बंदों ने दावर बना दिया सागर ने क़तरे क़तरों ने सागर बिना दिया बे-ताबियों… Read More »‘सहर’ इश्क़ाबादी की रचनाएँ