अलीम ‘अख्तर’ की रचनाएँ
दर्द बढ़ कर दवा न हो जाए दर्द बढ़ कर दवा न हो जाए ज़िंदगी बे-मज़ा न हो जाए इन तलव्वुन-मिज़ाजियों का शिकार कोई मेरे… Read More »अलीम ‘अख्तर’ की रचनाएँ
दर्द बढ़ कर दवा न हो जाए दर्द बढ़ कर दवा न हो जाए ज़िंदगी बे-मज़ा न हो जाए इन तलव्वुन-मिज़ाजियों का शिकार कोई मेरे… Read More »अलीम ‘अख्तर’ की रचनाएँ
मौसम-ए-गुल पर ख़िज़ाँ का ज़ोर चल जाता है क्यूँ मौसम-ए-गुल पर ख़िज़ाँ का ज़ोर चल जाता है क्यूँ हर हसीं मंज़र बहुत जल्दी बदल जाता… Read More »अलीना इतरत की रचनाएँ
तरान-ए-उर्दू हमारी प्यारी ज़बान उर्दू हमारे नग़्मों की जान उर्दू हसीन दिलकश जवान उर्दू यह वह ज़बाँ है कि जिसको गंगा के जल से पाकीज़गी… Read More »अली सरदार जाफ़री की रचनाएँ
चुन्नू-मुन्नू आज पिताजी बकरी लाए, संग में दो बच्चे भी आए। ‘चुन्नू-मुन्नू’ इनके नाम, उछल-कूद है इनका काम। ‘मैं-मैं’ करते दोनों बच्चे, कितने सुंदर कितने… Read More »अली शेर अली की रचनाएँ
दाओ फिर घुमाओ आख़िरी दाओ लगाओ क्या ख़बर इस बार आख़िर मिल ही जाए बीस बिलियन साल की वो गुम-शुदा पूँजी मुझे मैं मैं किसी… Read More »अली मोहम्मद फ़र्शी की रचनाएँ
आँख कुछ बे-सबब ही नम तो आँख कुछ बे-सबब ही नम तो नहीं ये कहीं आप का करम तो नहीं हम ने माना के रौशनी… Read More »अली जव्वाद ‘ज़ैदी’ की रचनाएँ
चंद शे’र कोई और तर्ज़े-सितम सोचिये। दिल अब ख़ूगरे-इम्तहाँ[1] हो गया॥ कब हुई आपको तौफ़ीके़-करम[2]। आह! जब ताक़ते फ़रियाद नहीं॥ करवटें लेती है फूलों में शराब।… Read More »अली अख़्तर ‘अख़्तर’ की रचनाएँ
बे यक़ीन बस्तियाँ वो इक मुसाफ़िर था जा चुका है बता गया था कि बे-यक़ीनों की बस्तियों में कभी न रहना कभी न रहना कि… Read More »अली अकबर नातिक़ की रचनाएँ
नये वर्ष की पहली कविता नए वर्ष की पहली कविता का इंतज़ार करना जैसे उत्साह में भरकर सुबह-शाम नवजात शिशु के मसूढ़े पर दूध का… Read More »अलका सिन्हा की रचनाएँ
ज़िन्दगी जीने की कला ज़िन्दगी जीने की कला सिखाना भूल गए मुझे मेरे बुजुर्ग। मैंने देखा लोगों ने बिछाए फूल मेरी राहों में, प्रफुल्लित थी… Read More »अलका सर्वत मिश्रा की रचनाएँ