राणा प्रताप सिंह की रचनाएँ
नया कोई गीत लें नया कोई गीत ले जंग चलो जीत ले घटती है नम्रता बढ़ती उद्विग्नता चुकती शालीनता मीठा पाया है बहुत आज चलो… Read More »राणा प्रताप सिंह की रचनाएँ
नया कोई गीत लें नया कोई गीत ले जंग चलो जीत ले घटती है नम्रता बढ़ती उद्विग्नता चुकती शालीनता मीठा पाया है बहुत आज चलो… Read More »राणा प्रताप सिंह की रचनाएँ
समय के सिरहाने किसी बच्चे की तरह बैठा हूँ स्कूल की सीढ़ियों पर पलट रहा हूँ नोटबुक के पन्ने जिसमें लिखी हैं दुःख और विस्मय… Read More »राजेश्वर वशिष्ठ की रचनाएँ
कौआ मामा बिल्ली मेरी प्यारी मौसी कौआ मेरा मामा! बिल्ली पहने फ्रॉक गरारा, कौआ जी पाजामा! काँव-काँव कौआ जी बोलें म्याऊँ-म्याऊँ बिल्ली। कौआ जी कलकत्ता… Read More »राजेश्वर ‘गुरु’की रचनाएँ
अपनी हार अपना घर, अपने लोग, अपनी दीवार, अपने दल, अपना युद्ध और अपनी ही हार, जिंदगी की मायावी महाभारत में अब तक ऐसे… Read More »राजेश श्रीवास्तव की रचनाएँ
अक्षत,हल्दी छूकर सपने अक्षत,हल्दी छूकर सपने, द्वारे-द्वारे जाएंगे शायद कुछ लौटे आमंत्रण,अब स्वीकारे जाएँगे जबसे कोई मौन ,दृगों पर, होकर एकाकार बँटा, मन के भीतर… Read More »राजेश शर्मा की रचनाएँ
अपने सच में झूठ की मिक्दार थोड़ी कम रही अपने सच में झूठ की मिक्दार थोड़ी कम रही । कितनी कोशिश की, मगर, हर बार… Read More »राजेश रेड्डी की रचनाएँ
बेचैनी न शब्द कागज़ पर, न दिल शरीर में, उड़ रहे हैं दोनों, बेठिकाना… न कागज पर कविता, न दिल में चैन, बेसबब उड़ान भरते,… Read More »राजेश शर्मा ‘बेक़दरा’
चप्पल चल चप्पल अपन भी चलें बाहर बाहर जहाँ कोहरा तोड़कर निकली हैं सड़कें अपनी पीली कँचियाँ फेंककर मैदान में आ डटा है नीम बाहर… Read More »राजेश जोशी की रचनाएँ
वनवासी राम मात-पिता की आज्ञा का तो केवल एक बहाना था मातृभूमि की रक्षा करने प्रभु को वन में जाना था पिता आपके राजा दशरथ… Read More »राजेश चेतन की रचनाएँ
तुम्हीं तलाशो तुम्हें तलाश-ए-सहर होगी तुम्हीं तलाशो तुम्हें तलाश-ए-सहर होगी, हमको मालूम है सहर किसे मयस्सर होगी। पाग़ल हो हाथ उठाए हो दुआ माँग… Read More »राजेश चड्ढ़ा की रचनाएँ