राहुल राजेश की रचनाएँ
पत्तियाँ जब तक हरी हैं, भरी हैं हरियाली से, नमक और पानी से तब तक है रीढ़ और शिराओं में दम जब तक उनकी असंख्य… Read More »राहुल राजेश की रचनाएँ
पत्तियाँ जब तक हरी हैं, भरी हैं हरियाली से, नमक और पानी से तब तक है रीढ़ और शिराओं में दम जब तक उनकी असंख्य… Read More »राहुल राजेश की रचनाएँ
चांद और घास मेरा और तुम्हारा सारा फ़र्क इतने में है कि तुम ऊपर उगते हो मैं नीचे उगती हूँ और कितना फ़र्क हो जाता… Read More »राहुल झा की रचनाएँ
अलविदा केदार एकाएक से एक खबर का मिलना तुम न रहे स्तब्ध कर देती है किसी-किसी का जाना मैंने देखा है कि जब एक पीढ़ी… Read More »राहुल कुमार ‘देवव्रत’की रचनाएँ
वह पान भरी मुस्कान कवि नरेन्द्र शर्मा के लिए वह पान भरी मुस्कान न जाने कहाँ गई ? जो दफ्तर में, इक लाल गदेली कुर्सी पर,… Read More »राही मासूम रज़ा की रचनाएँ
एहसास-ए-ज़िम्मेदारी बेदार हो रहा है एहसास-ए-ज़िम्मेदारी बेदार हो रहा है हर शख़्स अपने क़द का मीनार हो रहा है आवाज़-ए-हक़ कहीं अब रू-पोश हो न… Read More »राही फ़िदाई की रचनाएँ
जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है वो शख्स, सिर्फ भला ही नहीं, बुरा… Read More »राहत इन्दौरी की रचनाएँ
दिल ज़ुल्फ़-ए-बुताँ में है गिरफ़्तार हमारा दिल ज़ुल्फ़-ए-बुताँ में है गिरफ़्तार हमारा इस दाम से है छूटना दुश्वार हमारा बाज़ार-ए-जहाँ में है अजब जिंस-ए-ज़बूँ हम… Read More »‘रासिख़’ अज़ीमाबादी की रचनाएँ
आँख खुली तो मुझ को ये इदराक हुआ आँख खुली तो मुझ को ये इदराक हुआ ख़्वाब-नगर का हर मंज़र सफ़्फ़ाक हुआ जिस्म ओ जान… Read More »राशिद हामिदी की रचनाएँ
किस शय का सुराग़ दे रहा हूँ किस शय का सुराग़ दे रहा हूँ अंधे को चराग़ दे रहा हूँ देते नहीं लोग दिल भी… Read More »राशिद मुफ़्ती की रचनाएँ
इस तग-ओ-दौ ने आख़िरश मुझ को निढाल कर दिया इस तग-ओ-दौ ने आख़िरश मुझ को निढाल कर दिया जीने के एहतिमाम ने जीना मुहाल… Read More »राशिद जमाल की रचनाएँ