श्यामनारायण पाण्डेय की रचनाएँ
चेतक की वीरता रण बीच चौकड़ी भर-भर कर चेतक बन गया निराला था राणाप्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था जो तनिक… Read More »श्यामनारायण पाण्डेय की रचनाएँ
चेतक की वीरता रण बीच चौकड़ी भर-भर कर चेतक बन गया निराला था राणाप्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था जो तनिक… Read More »श्यामनारायण पाण्डेय की रचनाएँ
मैं मधुर भी, तिक्त भी हूँ मैं मधुर भी, तिक्त भी हूँ। थपकियों से आज झंझाके भले ही दीप मेराबुझ रहा है, और पथ में,जा… Read More »श्यामनन्दन किशोर की रचनाएँ
नदी कथा दिन ढ़लते शाम तट पर पानी में पैर डाले नदी किनारे रेत पर औंधा पड़ा है 2. नदी किनारे रेत के खूंटे में… Read More »कुमार मंगलम की रचनाएँ
गंगा-1 (हमें आप्लावित कर दो!) सैकड़ों वृक्ष : जलती दोपहर : ठहरी नदी हरियाली के धब्बे समेटे धूसर-सा दिखाई देता वन! टहनियाँ बने हज़ारों हाथ प्रार्थनारत आकाश… Read More »कुमार प्रशांत की रचनाएँ
रात! मेरे दिल में नाच रात–प्यारी रात-नाच चल रही है आज यादों की पवन–ऐ रात नाच आसमानों की बहन–ऐ रात नाच ऐ मेरी देरीना महबूबा,… Read More »कुमार पाशी की रचनाएँ
तारों भरी है रात ग़ज़ल कह रहा हूँ मैं तारों भरी है रात ग़ज़ल कह रहा हूँ मैं रौशन है कायनात ग़ज़ल कह रहा हूँ… Read More »कुमार नयन की रचनाएँ
बड़े होते बच्चे बार-बार सोचता हूँ- बच्चे याद करें अपना छोटा सा गाँव याद करें बचपन की शरारतें अपने मम्मी-पापा, दादा-दादी, नाना-नानी बच्चे करें याद-… Read More »कुमार कृष्ण की रचनाएँ
मैं बन जाऊँ तितली इधर घूमती, उधर घूमती इक नन्ही-सी तितली, जाने किसको ढूँढ़ रही है इक नन्ही-सी तितली। कभी चली आती चौखट पर कभी… Read More »श्यामकुमार दास की रचनाएँ
ए हो नेहधर हम नीरधर चातक हैं ए हो नेहधर हम नीरधर चातक हैं , रटनि हमारि घटि है न कहैँ फेरि फेरि । भौँर… Read More »श्याम की रचनाएँ
दुख ज़मीन है दुख ज़मीन है एक बीज-सा जिसमें कुनमुनाता है सुख लहर है दुख अनंत सागर की एक मछली-सा जिसमें डूबता-उतराता है जीवन अंधेरे… Read More »श्याम सुशील की रचनाएँ