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Hindi

कबीर शुक्ला की रचनाएँ

अर्ज़-ए-पाक़ पर ये हवादिशें देखा तो रो दिया अर्ज़-ए-पाक पर ये हवादिशें होता देखा तो रो दिया। निग़ार-ए-ज़ीस्त को पामाल बनता देखा तो रो दिया।… Read More »कबीर शुक्ला की रचनाएँ

शुभम श्री की रचनाएँ

मेरे हॉस्टल के सफ़ाई कर्मचारी ने सेनिटरी नैपकिन फेंकने से इनकार कर दिया है ये कोई नई बात नहीं लम्बी परम्परा है मासिक-चक्र से घृणा… Read More »शुभम श्री की रचनाएँ

कबीर की रचनाएँ

गुरु-महिमा  गुरु सो ज्ञान जु लीजिये, सीस दीजये दान। बहुतक भोंदू बहि गये, सखि जीव अभिमान॥१॥ व्याख्या: अपने सिर की भेंट देकर गुरु से ज्ञान… Read More »कबीर की रचनाएँ

कबीर अजमल की रचनाएँ

कुछ तअल्लुक भी नहीं रस्म-ए-जहाँ से आगे कुछ तअल्लुक भी नहीं रस्म-ए-जहाँ से आगे उस से रिश्ता भी रहा वहम ओ गुमाँ से आगे ले… Read More »कबीर अजमल की रचनाएँ

कपिल भारद्वाज की रचनाएँ

आज वो भी आये  आज वो भी आये । जिनकी बाट जोहते-जोहते, दरवाजा बूढ़ा हो गया था, जिसकी एक मुस्कुराहट को पाने के लिए, भँवरों… Read More »कपिल भारद्वाज की रचनाएँ

कन्हैयालाल मत्त की रचनाएँ

चिड़िया रानी, किधर चली चिड़िया रानी चिड़िया रानी, किधर चली। मुन्ने राजा मुन्ने राजा, कुंज-गली। चिड़िया रानी, चिड़िया रानी, पर निकले। मुन्ने राजा मुन्ने राजा,… Read More »कन्हैयालाल मत्त की रचनाएँ

कन्हैयालाल नंदन की रचनाएँ

बांची तो थी मैंने बाँची तो थी मैंने खण्डहरों में लिखी हुई इबारत लेकिन मुमकिन कहाँ था उतना उस वक्त ज्यो का त्यो याद रख… Read More »कन्हैयालाल नंदन की रचनाएँ

कन्हैयालाल दीक्षित ‘इंद्र’ की रचनाएँ

वंदे मातरम्  बोलियो सब मिल महाशय मंत्र वंदे मातरम्, तीनों भुवन में गूंज जाए शब्द वंदे मातरम्। बन जाए सुखदाई हमारा मंत्र वंदे मातरम्, हो… Read More »कन्हैयालाल दीक्षित ‘इंद्र’ की रचनाएँ

क़तील शिफ़ाई की रचनाएँ

सारी बस्ती में ये जादू  सारी बस्ती में ये जादू नज़र आए मुझको जो दरीचा भी खुले तू नज़र आए मुझको॥ सदियों का रस जगा… Read More »क़तील शिफ़ाई की रचनाएँ

कण्हपा की रचनाएँ

एवंकार बीअ लहइ कुसुमिअउ अरविंदए एवंकार बीअ लहइ कुसुमिअउ अरविंदए। महुअर रुएँ सुरत्प्रवीर जिंघइ म अरंदए॥ जिमि लोण बिलज्जइ पणिएहि तिमि घरणी लइ चित्त। समरस… Read More »कण्हपा की रचनाएँ