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Hindi

ओम व्यास की रचनाएँ

परिभाषाएँ जीवन प्रसव की भूमिका जन्म प्रस्तवाना मौत उपसंहार मानव क्षणिक सुख से उपजी एक अर्थहीन अस्तित्व हीन रचना। समय ताउम्र जोड़ीदार कभी हंसाता /… Read More »ओम व्यास की रचनाएँ

ओम भारती की रचनाएँ

ऐसे अमर कवियों को संबोधित नमस्ते कवि जी, कैसे हैं आप ? बेहद गंभीर संयत शांत हैं इन दिनों में भी उपलब्धि आपकी महती यह बधाई… Read More »ओम भारती की रचनाएँ

ओम प्रभाकर की रचनाएँ

कितनी ख़ुशलफ़्ज़ थी तेरी आवाज़ कितनी ख़ुशलफ़्ज़ थी तेरी आवाज़ अब सुनाए कोई वही आवाज़। ढूँढ़ता हूँ मैं आज भी तुझमें काँपते लब, छुई-मुई आवाज़।… Read More »ओम प्रभाकर की रचनाएँ

लक्ष्मीकान्त मुकुल की रचनाएँ

पांव भर बैठने की जमीन यहां अब नहीं हो रही हैं सेंध्मारियां बगुले लौट रहे हैं देर रात अपने घोसले में पहुंचा रहे हैं कागा… Read More »लक्ष्मीकान्त मुकुल की रचनाएँ

लक्ष्मीकान्त मुकुल की रचनाएँ

छनो भर खातिर उनुका लगे ना रहे कौनो टाट के मड़ई आ फूंस-मूंजन के खोंता ऊ चिरई ना रहन भा कौनो फेंड़-रूख हरवाहीं से लौटत… Read More »लक्ष्मीकान्त मुकुल की रचनाएँ

लक्ष्मी नारायण सुधाकर

जहाँ तक सवाल है जहाँ तक सवाल है शोषितों के हाल का फँसे हुए सदियों से शोषकों के जाल में निगल न पाये पर छोड़… Read More »लक्ष्मी नारायण सुधाकर

लक्ष्मी खन्ना सुमन की रचनाएँ

मोर  घटा देख मस्ताना मोर खुश होता दीवाना मोर राजा-सा सिर मुकुट सजा लगता बहुत सुहाना मोर सिर पर कृष्ण लगाते पंख उनका मीत पुराना… Read More »लक्ष्मी खन्ना सुमन की रचनाएँ

शुचि ‘भवि’की रचनाएँ

ये सफ़र ज़ीस्त का आसान बनाने वाला ये सफ़र ज़ीस्त का आसान बनाने वालाकौन मिलता है यहाँ रिश्ते निभाने वाला है सदाकत की डगर का… Read More »शुचि ‘भवि’की रचनाएँ

शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान की रचनाएँ

वन्दना वन्दना माँ! मुझे तुम लोक मंगल साधना का दान दो, शब्द को संबल बनाकर नील नभ सा मान दो। नित करूं पूजन तुम्हारा प्राण… Read More »शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान की रचनाएँ