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Hindi

फ़ानी बदायूनी की रचनाएँ

एक मोअ’म्मा है समझने का एक मोअ’म्मा[1] है समझने का ना समझाने का ज़िन्दगी काहे को है ख़्वाब है दीवाने का ख़ल्क़ कहती है जिसे दिल… Read More »फ़ानी बदायूनी की रचनाएँ

फ़ातिमा हसन की रचनाएँ

बिखर रहे थे हर इक सम्त काएनात के रंग बिखर रहे थे हर इक सम्त काएनात के रंग मगर ये आँख कि जो ढूँढती थी… Read More »फ़ातिमा हसन की रचनाएँ

फ़ाज़िल जमीली की रचनाएँ

गुज़रती है जो दिल पर वो कहानी याद रखता हूँ ‎ गुज़रती है जो दिल पर वो कहानी याद रखता हूँ मैं हर गुल-रंग चेहरे… Read More »फ़ाज़िल जमीली की रचनाएँ

फ़ाएज़ देहलवी की रचनाएँ

बे-सबब हम से जुदाई न करो बे-सबब हम से जुदाई न करो मुझ से आशिक़ से बुराई न करो ख़ाकसाराँ को न करिए पामाल जग… Read More »फ़ाएज़ देहलवी की रचनाएँ

फ़हमीदा रियाज़ की रचनाएँ

नया भारत तुम बिल्कुल हम जैसे निकले अब तक कहाँ छिपे थे भाई वो मूरखता, वो घामड़पन जिसमें हमने सदी गँवाई आखिर पहुँची द्वार तुम्हारे… Read More »फ़हमीदा रियाज़ की रचनाएँ

फ़सीह अकमल

चश्म-ए-हैरत को तअल्लुक़ की फ़ज़ा तक ले गया चश्म-ए-हैरत को तअल्लुक़ की फ़ज़ा तक ले गया कोई ख्वाबों से मुझे दश्त-ए-बला तक ले गया टूटती… Read More »फ़सीह अकमल

फ़व्वाद अहमद की रचनाएँ

गली में ज़र्फ़ से बढ़ का मिला मुझे गली में ज़र्फ़ से बढ़ का मिला मुझे इक प्याला-ए-जुस्तुजू थी समुंदर मिला मुझे मैं चल पड़ा… Read More »फ़व्वाद अहमद की रचनाएँ

फ़र्रुख़ ज़ोहरा गीलानी की रचनाएँ

बीते लम्हे कशीद करती हूँ बीते लम्हे कशीद करती हूँ इस तरह जश्न-ए-ईद करती हूँ जब भी जाती हूँ शहर-ए-शीशागराँ कुछ मनाज़िर ख़रीद करती हूँ… Read More »फ़र्रुख़ ज़ोहरा गीलानी की रचनाएँ