सुजाता की रचनाएँ
मुझे कविता कहने की आदत अब तक तो न थी किन्हीं गड्ढों में बहुत गहरे पाँव फिसल गया है पढ़ते हुए कोई उपन्यास नही सूझ… Read More »सुजाता की रचनाएँ
मुझे कविता कहने की आदत अब तक तो न थी किन्हीं गड्ढों में बहुत गहरे पाँव फिसल गया है पढ़ते हुए कोई उपन्यास नही सूझ… Read More »सुजाता की रचनाएँ
छत के किसी कोने में छत के किसी कोने में अटकी वह बूंद टीन पर ‘टप्प’ गिरी समय के अंतराल पर गिरना जारी है उसका… Read More »सुकीर्ति गुप्ता की रचनाएँ
तेल जरै बाती जरै, दीपक जरै न कोइ तेल जरै बाती जरै, दीपक जरै न कोइ। दीपक जरताँ सब कहै, भारी अजरज होइ॥ भारी अचरज… Read More »सुंदरदास की रचनाएँ
काके गये बसन पलटि आये बसन काके गये बसन पलटि आये बसन , सु मेरी कछु बस न रसन उर लागे हौ । भौँहैँ तिरछी… Read More »सुँदर की रचनाएँ
शेर-1 (1) कफस1 में खींच ले जाए मुकद्दर या निशेमन2 में, हमें परवाजे-मतलब3 है, हवा कोई भी चलती हो। (2) है हुसूले – आरजू का नाम तर्के -आरजू,… Read More »सीमाब अकबराबादी की रचनाएँ
दुख कब बदलते हैं दुख… हर काल और हर युग में एक होती है उनकी भाषा और रंग-रूप कब बदलते हैं दुख… उनके चित्र बदल… Read More »सीमा सोनी की रचनाएँ
अछूत तुम फेंक देते हो वह थाली जिसमें मैं झाँकती हूँ अपने अक्स को मेरी परछाइयाँ भी तुम्हें उद्विग्न कर देते हैं… तुम्हारे प्रार्थना घरों… Read More »सीमा संगसार की रचनाएँ
औपचारिक इतनी औपचारिक इतनी बेरूखी तुम कैसे कर सकती हो तुम तो प्यार करती हो हाँ सच कहा मैं ही तो करती हूँ तुमसे प्यार… Read More »सीमा ‘असीम’ सक्सेना की रचनाएँ
सपने दिन के कन्धों पर लटके है वेतालों से सपने मजबूरी है सुननी ही है नित इक नई कहानी घोड़े हाथी की राजा रानी की… Read More »सीमा अग्रवाल की रचनाएँ
दल बदलू हवाएँ जो पहले लू बन चलती थीं, वे अब बर्फीली कहलाएँ। दल-बदलू हो गई हवाएँ! सिर्फ हवा क्या, मौसम ने ही अब तो… Read More »सीताराम गुप्त की रचनाएँ