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सुंदरदास

सुंदरदास की रचनाएँ

तेल जरै बाती जरै, दीपक जरै न कोइ तेल जरै बाती जरै, दीपक जरै न कोइ। दीपक जरताँ सब कहै, भारी अजरज होइ॥ भारी अचरज… Read More »सुंदरदास की रचनाएँ