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‘अमीक’ हनफ़ी की रचनाएँ

ऐनक के दोनों शीशे ही अटे हुए थे  ऐनक के दोनों शीशे ही अटे हुए थे धूल में हाथ पड़ गया काँटों पर फूलों के… Read More »‘अमीक’ हनफ़ी की रचनाएँ

अमिताभ रंजन झा ‘प्रवासी’ की रचनाएँ

मेरे सपनों का भारत  हर चेहरे पर मुस्कान हो, हर हाथों को काम हो। गगन चुम्बी स्वाभिमान हो, हर भारतवासी कीर्तिमान हो।। वाणी में मिठास… Read More »अमिताभ रंजन झा ‘प्रवासी’ की रचनाएँ

अमिताभ बच्चन की रचनाएँ

हमारा दर्शन थोड़ी-बहुत सम्पत्ति अरजने में कोई बुराई नहीं बेईमानी से एक फ़ासला बनाकर जीना सम्भव है ईमानदारी के पैसे से घर बनाया जा सकता… Read More »अमिताभ बच्चन की रचनाएँ

अमिताभ त्रिपाठी ‘अमित’ की रचनाएँ

जिन्दगी इक तलाश है क्या है? जिन्दगी इक तलाश है, क्या है? दर्द इसका लिबास है क्या है? फिर हवा ज़हर पी के आई क्या,… Read More »अमिताभ त्रिपाठी ‘अमित’ की रचनाएँ

अमिता प्रजापति की रचनाएँ

बच्चे जल्दी बड़े हो रहे हैं बच्चे जल्दी बड़े हो रहे हैं सम्भाल रहे हैं अपने बस्ते में रखी ढेर सारी कॉपियाँ, क़िताबें और दिया… Read More »अमिता प्रजापति की रचनाएँ

अमित शर्मा ‘मीत’ की रचनाएँ

यूँ अपने दिल को बहलाने लगे हैं  यूँ अपने दिल को बहलाने लगे हैं लिपटकर ख़ुद के ही शाने लगे हैं हमें तो मौत भी… Read More »अमित शर्मा ‘मीत’ की रचनाएँ

अमित धर्मसिंह की रचनाएँ

हमारे गाँव में हमारा क्या है ! आठ बाई दस केकड़ियों वाले कमरे में पैदा हुएखेलना सीखा तोमाँ ने बतायाहमारे कमरे से लगा कमराहमारा नहीं… Read More »अमित धर्मसिंह की रचनाएँ

अमित कुमार मल्ल की रचनाएँ

बीते बहुत दिन बीते बहुत दिन लिखा नहीं एक शब्द स्याही थी खुली आँखे थी पर लिखा नहीं एक शब्द संवेदनाये थी लबो पर ताला… Read More »अमित कुमार मल्ल की रचनाएँ

अमित कल्ला की रचनाएँ

बूढ़े पंखों का सहारा ले बूढे पंखों का सहारा ले रंग छिपे पहाडो तक जा पहुचते आप ही उत्त्पन दिलासाओं के संग सही – सही… Read More »अमित कल्ला की रचनाएँ

‘अमानत’ लखनवी की रचनाएँ

आग़ोश में जो जलवा-गर इक आग़ोश में जो जलवा-गर इक नाज़नीं हुआ अंगुश्तरी बना मेरा तन वो नगीं हुआ रौनक़-फ़ज़ा लहद पे जो वो मह-जबीं… Read More »‘अमानत’ लखनवी की रचनाएँ