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अवनीश सिंह चौहान की रचनाएँ

ऐसा वर दे!  मेरी जड़- अनगढ़ वाणी को हे स्वरदेवी, अपना स्वर दे! भीतर-बाहर घना अँधेरा दूर-दूर तक नहीं सबेरा दिशाहीन है मेरा जीवन ममतामयी,… Read More »अवनीश सिंह चौहान की रचनाएँ

अवनीश त्रिपाठी की रचनाएँ

दिन कटे हैं धूप चुनते  रात कोरी कल्पना में दिन कटे हैं धूप चुनते प्यास लेकर जी रहीं हैं आज समिधाएँ नई कुण्ड में पड़ने… Read More »अवनीश त्रिपाठी की रचनाएँ

अवधेश्वर प्रसाद सिंह की रचनाएँ

आ गया हूँ देख माँ तेरी शरण आ गया हूँ देख माँ तेरी शरण। दिख रहा है आसमाँ तेरी शरण।। हो अगर अवगुण उसे तो… Read More »अवधेश्वर प्रसाद सिंह की रचनाएँ

अवधेश कुमार की रचनाएँ

मिलो दोस्त, जल्दी मिलो  सुबह–एक हल्की-सी चीख़ की तरह बहुत पीली और उदास धरती की करवट में पूरब की तरफ़ एक जमुहाई की तरह मनहूस… Read More »अवधेश कुमार की रचनाएँ

अवध बिहारी श्रीवास्तव की रचनाएँ

मंडी चले कबीर  कपड़ा बुनकर थैला लेकर मण्डी चले कबीर जोड़ रहे हैं रस्ते भर वे लगे सूत का दाम ताना-बाना और बुनाई बीच कहाँ… Read More »अवध बिहारी श्रीवास्तव की रचनाएँ

अवतार एनगिल की रचनाएँ

मनखान जब राजा था जोगिया रेशम का लबादा ओढ़े सफेद ‘इच्छाबल’पर सवार राजा मनखान काले पर्वत की कच्ची सड़क पर चलते हैं घोड़ा भगाए ऍड़-पर… Read More »अवतार एनगिल की रचनाएँ

अल्हड़ बीकानेरी की रचनाएँ

कुत्ते तभी भौंकते हैं  रामू जेठ बहू से बोले, मत हो बेटी बोर कुत्ते तभी भौंकते हैं जब दिखें गली में चोर वफ़ादार होते हैं… Read More »अल्हड़ बीकानेरी की रचनाएँ

अल्लामा इक़बाल की रचनाएँ

तराना-ए-हिन्दी (सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिताँ हमारा ) सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिताँ हमारा हम बुलबुलें हैं इसकी यह गुलसिताँ हमारा ग़ुर्बत[1] में हों अगर हम,… Read More »अल्लामा इक़बाल की रचनाएँ

अल्पना नारायण की रचनाएँ

दर्द की महफ़िल सजाना चाहती हूँ  दर्द की महफ़िल सजाना चाहती हूँ साज़ छेड़ो, गुनगुनाना चाहती हूँ यूँ ही रस्मन पूछ बैठी हाल-चाल वो ये… Read More »अल्पना नारायण की रचनाएँ

अल्ताफ़ हुसैन हाली की रचनाएँ

धूम है अपनी पारसाई की धूम थी अपनी पारसाई कीकी भी और किससे आश्नाई की क्यों बढ़ाते हो इख़्तलात बहुतहमको ताक़त नहीं जुदाई की मुँह… Read More »अल्ताफ़ हुसैन हाली की रचनाएँ