इरफ़ान सत्तार की रचनाएँ
ब-ज़ोम-ए-अक़्ल ये कैसा गुनाह मैं ने किया ब-ज़ोम-ए-अक़्ल ये कैसा गुनाह मैं ने किया इक आईना था उसी को सियाह मैं ने किया ये शहर-ए-कम-नज़राँ… Read More »इरफ़ान सत्तार की रचनाएँ
ब-ज़ोम-ए-अक़्ल ये कैसा गुनाह मैं ने किया ब-ज़ोम-ए-अक़्ल ये कैसा गुनाह मैं ने किया इक आईना था उसी को सियाह मैं ने किया ये शहर-ए-कम-नज़राँ… Read More »इरफ़ान सत्तार की रचनाएँ
दिल से लूंगा मैं काम रहबर का दिल से लूंगा मैं काम रहबर का क्या पता चाहिए तेरे घर का हाल लिखता हूं दीद-ए-तर का… Read More »इमाम बख़्श ‘नासिख’ की रचनाएँ
आशना मिलते नहीं अहल-ए-वफ़ा आशना मिलते नहीं अहल-ए-वफ़ा मिलते नहीं शहर है आबाद लेलिन दिल-रुबा मिलते नहीं किससे हम यारी करें किससे निभाएँ दोस्ती सैकड़ों… Read More »इब्राहीम ‘अश्क़’ की रचनाएँ
बिजली का खम्भा वह चलता गया और अंधेरा पाकर चूम लिया बिजली का खम्भा काले लोहे का ठंडापन। क्यों चूमा उसने बिजली के अंधे कंधाबरदार… Read More »इब्बार रब्बी की रचनाएँ
इंशाजी उठो अब कूच करो इंशाजी उठो अब कूच करो इस शहर में दिल को लगाना क्या। वहशी को सुकूं से क्या मतलब जोगी का… Read More »इब्ने इंशा की रचनाएँ
अगर वो मिल के बिछड़ने का हौसला रखता अगर वो मिल के बिछड़ने का हौसला रखता तो दरमियाँ न मुक़द्दर का फ़ैसला रखता वो मुझ… Read More »इफ़्फ़त ज़रीन की रचनाएँ
कहाँ के नाम ओ नसब इल्म क्या फ़ज़ीलत क्या कहाँ के नाम ओ नसब इल्म क्या फ़ज़ीलत क्या जहान-ए-रिज़्क़ में तौक़ीर-ए-अहल-ए-हाजत क्या शिकम की आग… Read More »इफ़्तिख़ार आरिफ़ की रचनाएँ
कहो या न कहो दिल में तुम्हारे लाख बातें हैं कहो या न कहो दिल में तुम्हारे लाख बातें हैं कि इस दुनिया में तुमको… Read More »इन्दु श्रीवास्तव की रचनाएँ
जानना ज़रूरी है जब वक्त कम रह जाए तो जानना ज़रूरी है कि क्या ज़रूरी है सिर्फ़ चाहिए के बदले चाहना पहचानना कि कहां हैं… Read More »इन्दु जैन की रचनाएँ
शिव स्तुति हे , ब्रह्माण्ड के भाल तिलक त्रिनेत्र उज्ज्वल , पट बाघाम्बर , व्योम विषद , डमरू करे निनाद , ओम भास्वर , हे… Read More »इंदिरा शर्मा की रचनाएँ