वत्सला पाण्डे की रचनाएँ
आज तक एक दिन तुम्हें कह बैठी सूरज जल रही मैं आज तक बर्फीले लोग सीली धरती रह गए तुम्हारे साथ उन अंधेरों को भी… Read More »वत्सला पाण्डे की रचनाएँ
आज तक एक दिन तुम्हें कह बैठी सूरज जल रही मैं आज तक बर्फीले लोग सीली धरती रह गए तुम्हारे साथ उन अंधेरों को भी… Read More »वत्सला पाण्डे की रचनाएँ
सितम हवा का अगर तेरे तन को रास नहीं सितम हवा का अगर तेरे तन को रास नहीं कहाँ से लाऊँ वो झोंका जो मेरे… Read More »वज़ीर आग़ा की रचनाएँ
पौडर लगाये अंग पौडर लगाये अंग गालों पर पिंक किये कठिन परखना है गोरी हैं कि काली हैं। क्रीम को चुपर चमकाये चेहरे हैं चारु,… Read More »वचनेश की रचनाएँ
रंग चढ़ते-उतरते हैं रंग रंग उतरते-चढ़ते हैं कितने ही रंग कर जाते हैं रंगीन जीवन मटमैला अदृश्य सीढ़ी हैं रंग आने-जाने वाले दृश्य के बाहर… Read More »वंशी माहेश्वरी की रचनाएँ
क्योंकि तख्ता पलट यूँ ही नहीं हुआ करते अब सिर्फ लिखने के लिए नहीं लिखना चाहती थक चुकी हूँ वो ही शब्दों के उलटफेर से… Read More »वंदना गुप्ता की रचनाएँ
अघायी औरतें मर्दों के शहर की अघायी औरतें जब उतारू हो जाती हैं विद्रोह पर तो कर देती हैं तार-तार सारी लज्जा की बेड़ियों को… Read More »वंदना गुप्ता की रचनाएँ
देखो आज मुझे मोहब्बत के हरकारे ने आवाज़ दी है सोचती हूँ कभी कभी तुम जिसे मैंने देखा नहीं और मैं जिसे तुमने भी नहीं… Read More »वंदना गुप्ता की रचनाएँ
प्यार पर बहुत हो चुकी कविताएँ प्यार पर बहुत हो चुकी कविताएँपिता की फटी बिवाइयों परअभी तक नहीं लिखी कविताएँजो रिश्ता ढूँढ़ते-ढूँढ़ते टूटने पर कसकते… Read More »वंदना केंगरानी की रचनाएँ