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संतोष कुमार सिंह की रचनाएँ

मातृभूमि तेरी जय हो मातृभूमि तेरी जय हो। पुण्यभूमि तेरी जय हो।। शस्य श्यामला जन्मदायिनी। रत्नगर्भ संचित प्रदायिनी।। हिमगिरि मस्तक मुकुटधारिणी। बहती गंगा मुक्तदायिनी।। ईश्वर… Read More »संतोष कुमार सिंह की रचनाएँ

शाह हातिम की रचनाएँ

यार का मुझको इस सबब डर है यार का मुझको इस सबब डर है शोख, ज़ालिम है, और सितम्गर है देख सर्वे -चमन तेरे क़द… Read More »शाह हातिम की रचनाएँ

शाह मुबारक ‘आबरू’की रचनाएँ

अफ़सोस है कि हम कूँ दिल-दार भूल जावे  अफ़सोस है कि हम कूँ दिल-दार भूल जावेवो शौक़ वो मोहब्बत वो प्यार भूल जावे. रुस्तम तेरी… Read More »शाह मुबारक ‘आबरू’की रचनाएँ

संतोष कुमार चतुर्वेदी की रचनाएँ

परिवहन निगम की बस में सांसद-विधायक सीट  परिवहन निगम की बस में यात्रा करते हुए आपने भी देखा होगा कि एक समूची सीट के उपर… Read More »संतोष कुमार चतुर्वेदी की रचनाएँ

शाह ‘नसीर’की रचनाएँ

गो सियह-बख़्त हूँ पर यार लुभा लेता है गो सियह-बख़्त हूँ पर यार लुभा लेता है शक्ल-ए-साया के मुझे साथ लगा लेता है तू वो… Read More »शाह ‘नसीर’की रचनाएँ

शाह दीन हुमायूँ की रचनाएँ

क्यूँ मुश्त-ए-ख़ाक पर कोई दिल दाग़दार हो  क्यूँ मुश्त-ए-ख़ाक पर कोई दिल दाग़दार हो मर कर भी ये हवस कि हमारा मज़ार हो बढ़ जाए… Read More »शाह दीन हुमायूँ की रचनाएँ

संतोष कुँअर की रचनाएँ

बंदर मामा बंदर मामा बी.ए. पास,दुलहिन लाए एम.ए. पासमामा बोले-‘घूँघट कर’,मामी बोली-‘मुझसे डर’।मैं लड़की हूँ एम.ए. पास,मैंने खोदी नहीं है घास।फिल्म देखने जाऊँगी,आकर गीत सुनाऊँगी।रोटी… Read More »संतोष कुँअर की रचनाएँ

संतोष आनन्द की रचनाएँ

ओ मेघा रे, मेघा रे ओ मेघा रे, मेघा रे ओ मेघा रे, मेघा रे मत परदेस जा रे आज तू प्रेम का संदेश बरसा… Read More »संतोष आनन्द की रचनाएँ

उदय कामत की रचनाएँ

उम्र बस बढ़ती गयी पर जीना क्यों कम हो गया उम्र बस बढ़ती गयी पर जीना क्यों कम हो गया यार हैं कुछ कम नहीं,… Read More »उदय कामत की रचनाएँ

उत्तिमा केशरी की रचनाएँ

आठ जून दो हज़ार नौ  रंगमंच के, श्लाका पुरुष हबीब तनवीर ! छियासी वर्ष का वह योद्धा भारत के रंगमंच की आत्मा में उत्फुल्ल जिजीविषा से… Read More »उत्तिमा केशरी की रचनाएँ