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यतींद्रनाथ राही की रचनाएँ

बातें करो मत वंचना है कल नए दिनमान की बातें करो मत! महक रिश्तों में कहाँ है काग़ज़ी हैं फूल सारे एक माया जाल में… Read More »यतींद्रनाथ राही की रचनाएँ

यतीन्द्र मिश्र की रचनाएँ

बाज़ार में खड़े होकर कभी बाज़ार में खड़े होकर बाज़ार के खिलाफ़ देखो उन चीज़ों के खिलाफ़ जिन्हें पाने के लिए आये हो इस तरफ़… Read More »यतीन्द्र मिश्र की रचनाएँ

सुरजीत मान जलईया सिंह की रचनाएँ

माँ तुझे में गुनगुनाना चाहता हूँ फिर वही किस्सा सुनाना चाहता हूँ माँ तुझे मैं गुन-गुनाना चाहता हूँ कल सिरहाने जो तुम्हारा हाथ था उसको… Read More »सुरजीत मान जलईया सिंह की रचनाएँ

सुरंगमा यादव की रचनाएँ

मन बगिया मन बगिया कलरव करते यादों के पंछी हवा की धुन हवा की धुन थिरकती डालियाँ पाँव के बिन जीवन क्या है! जीवन क्या… Read More »सुरंगमा यादव की रचनाएँ

सुमित्रानंदन पंत की रचनाएँ

प्रथम रश्मि प्रथम रश्मि का आना रंगिणि! तूने कैसे पहचाना? कहाँ, कहाँ हे बाल-विहंगिनि! पाया तूने वह गाना? सोयी थी तू स्वप्न नीड़ में, पंखों… Read More »सुमित्रानंदन पंत की रचनाएँ

सुमित्रा कुमारी सिन्हा की रचनाएँ

पल भर न हुआ जीवन प्यारा!  पल भर न हुआ जीवन प्यारा! पूजा के मंदिर में झाँका, अर्चन की चाहों को आँका, जग ने अपराधिनि… Read More »सुमित्रा कुमारी सिन्हा की रचनाएँ

सुमन बिस्सा की रचनाएँ

चिड़िया के पंख बच्चों ने चिड़िया से पूछा, तुम कैसे उड़ आती हो? नन्ही-सी तो हो पर ऐसे पंख कहाँ से लाती हो? चिड़िया बोली… Read More »सुमन बिस्सा की रचनाएँ

सुमन ढींगरा दुग्गल की रचनाएँ

लुटाते रहने से इल्म ओ लियाक़त कम नहीं होती लुटाते रहने से इल्म ओ लियाक़त कम नहीं होती इज़ाफा और होता है ये दौलत कम… Read More »सुमन ढींगरा दुग्गल की रचनाएँ

सुमन केशरी की रचनाएँ

शब्द और सपने  (1) वह पलकों से सपने उतरने का वक्त था जब मैं उठी और सभी सपनों को बांध मैंने उन्हें जागरण की गठरी… Read More »सुमन केशरी की रचनाएँ

सुभाष शर्मा की रचनाएँ

मेम साहब का कुत्ता किसने काटा ? साहब ने ? — नहीं मेम साहब ने ? — नहीं, तो मेम साहब के कुत्ते ने जरूर काटा होगा ।… Read More »सुभाष शर्मा की रचनाएँ