सुनील श्रीवास्तव की रचनाएँ
कविता का समय ’लिखने से कुछ नहीं होगा कविता लिखने से तो बिल्कुल नहीं कुछ’ — यह बात लौटती ट्रेन में मुझसे एक बूढ़े बड़े… Read More »सुनील श्रीवास्तव की रचनाएँ
कविता का समय ’लिखने से कुछ नहीं होगा कविता लिखने से तो बिल्कुल नहीं कुछ’ — यह बात लौटती ट्रेन में मुझसे एक बूढ़े बड़े… Read More »सुनील श्रीवास्तव की रचनाएँ
हाँथ सिर पर धरो मातु तुम शारदे हाथ सिर पर धरो मातु तुम शारदे, भाव के पुष्प नित मैं चढ़ाता रहूँ॥ पद्म आसित रहो चक्र… Read More »सुनील त्रिपाठी की रचनाएँ
हम आ हमार बाबा हमरा झाँझर पलनिया पर- अभियो हरसिंगार झरेला, ओ गछिया से- जवना के हमार बाबा लगवले रहस, बाकिर, अब हम पलनिया के… Read More »सुनील कुमार पाठक की रचनाएँ
मन पखेरु उड़ चला फिर नेह की नजरों से मुझको ऐसे देखा आपने। मन-पखेरु उड़ चला फिर आसमां को नापने। कामना का बाँध टूटा- ग्रंथियां… Read More »सुनीता शानू की रचनाएँ
ऋण फूलों-सा इस काया को जिस माया ने जन्म दिया, वह माँग रही-कि जैसे उत्सव के बाद दीवारों पर हाथों के थापे रह जाते जैसे… Read More »सुनीता जैन की रचनाएँ
ये नफ़रत का असर कब तक रहेगा ये नफ़रत का असर कब तक रहेगा नगर सहमा हुआ कब तक रहेगा हक़ीक़त जान जाएगा तुम्हारी ज़माना… Read More »सुनीता काम्बोज की रचनाएँ
बिन तुम्हारे मैं भला कब तक जियूँगा साँस का ये साज न रुक जाये, आओ, रो रहा है हृदय पर आँसू निकलते ही नहीं है।… Read More »सुनीत बाजपेयी की रचनाएँ
शे’र फिरते हैं भेस में हसीनों के। कैसे-कैसे डकैत थांग-की-थांग॥ आह! यह बन्दये-ग़रीब आपसे लौ लगाये क्यों? आ न सके जो वक़्त पर, वक़्त पै… Read More »यगाना चंगेज़ी की रचनाएँ
बगावत की कोई उम्र नहीं होती जब डूबते सूरज को मैंने पर्वत चोटियों को चूमते देखा जब बाग़ के सबसे पुराने दरख़्त को मैंने नई… Read More »लोकमित्र गौतम की रचनाएँ
मेरा तकिया छीन लिया गया न मिले किसी रोज इस्तरी की गई धुली कमीज देह जैसे रूठने लगती है ना-नुकुर करती दिन जैसे बीतता है… Read More »लीलाधर मंडलोई की रचनाएँ