बृजनाथ श्रीवास्तव की रचनाएँ
योगक्षेम सुनो साधुजन सूखी नदियाँ फिर लहरायें कुछ जतन करें बडा दु:ख है हम सबको भी पशुओं और परिन्दों को भी मंदिर दुखी मँजीरे दुख… Read More »बृजनाथ श्रीवास्तव की रचनाएँ
योगक्षेम सुनो साधुजन सूखी नदियाँ फिर लहरायें कुछ जतन करें बडा दु:ख है हम सबको भी पशुओं और परिन्दों को भी मंदिर दुखी मँजीरे दुख… Read More »बृजनाथ श्रीवास्तव की रचनाएँ
रामायण का एक सीन / बृज नारायण चकबस्त / भाग १ रुखसत हुआ वो बाप से ले कर खुदा का नाम राह-ए-वफ़ा की… Read More »बृज नारायण चकबस्त की रचनाएँ
गमों से प्यार न करता तो और क्या करता गमों से प्यार न करता तो और क्या करता ये दिल फ़िगार न करता तो और… Read More »बुनियाद हुसैन ज़हीन की रचनाएँ
सावधान सावधान हे युवक उमगो, सावधानता रखना ख़ूब। युवा समय के महा मनोहर विषयों में मत जाना डूब॥ सर्वकाज करने के पहिले पूछो अपने दिल… Read More »बुंदेला बाला की रचनाएँ
सफ़ेद रंग अक्सर एक पंछी हौले से उतर आता है मेरे कंधे पर और मैं सम्भावनाओं से घिर जाता हूँ चल रही हवाएँ बहुत तेज़… Read More »बुद्धिलाल पाल की रचनाएँ
चानन गाछ बनल छी चारू कात बसैए विषधर पोरे-पोर डसल छी एहि बिखाह जंगल मे हमही चानन गाछ बनल छी । खेत पथार धान उपटा… Read More »बुद्धिनाथ मिश्र की रचनाएँ
यादें (अपने संघर्षशील पिता को याद करते हुए) बाबा तुम्हारी आवाज गुंजती है खेत-खलिहानों में लहलहाते खेतों में कलकल बहते नदी और झरनों में हर… Read More »बीरेन्द्र कुमार महतो की रचनाएँ
वंदना हे! शारदे माँ, हे! शारदे माँ हंस वाहिनी वीणापाणि, हे! वागेश्वरी आशीष दे माँ लेखनी मेरी सँवार दे माँ। उर में बहे प्रेम की… Read More »बीना रानी गुप्ता की रचनाएँ
उम्र की दास्तान लंबी है उम्र की दास्तान लम्बी है चैन कम है थकान लम्बी है हौसले देखिए परिंदों के पर कटे हैं उड़ान लम्बे… Read More »बी. आर. विप्लवी की रचनाएँ
माहि सरोवर सौरभ लै माहि सरोवर सौरभ लै, ततकाल खिले जलजातन मैं कै नीठि चलै जल वास अचै, लपटाइ लता तरु मारग मैं कै पोंछत… Read More »बिहारी की रचनाएँ