श्रीजुगलप्रिया की रचनाएँ
पद / 1 राधा चरन की हूँ सरन। छत्र चक्र सुपह्म राजत सुफल मनसा करन॥ उर्ध्व रेखा जब धुजादुति सकल सोभा धरन। मंजु पद गज-गति… Read More »श्रीजुगलप्रिया की रचनाएँ
पद / 1 राधा चरन की हूँ सरन। छत्र चक्र सुपह्म राजत सुफल मनसा करन॥ उर्ध्व रेखा जब धुजादुति सकल सोभा धरन। मंजु पद गज-गति… Read More »श्रीजुगलप्रिया की रचनाएँ
बैठी अटा पर, औध बिसूरत बैठी अटा पर, औध बिसूरत पाये सँदेस न ‘श्रीपति पी के। देखत छाती फटै निपटै, उछटै जब बिज्जु छटा छबि… Read More »श्रीपति की रचनाएँ
देहात के लोग वे अपने वस्त्र ख़ुद सिलते थे सफ़र में जाने से पूर्व उन्हें नहीं थी गाड़ी की दरकार वे पैदल चलते ‘चलाते चरणदास… Read More »श्रीनिवास श्रीकांत की रचनाएँ
सुबह सूरज की किरणें आती हैं, सारी कलियाँ खिल जाती हैं, अंधकार सब खो जाता है, सब जग सुन्दर हो जाता है चिड़ियाँ गाती हैं… Read More »श्रीप्रसाद की रचनाएँ
हम आज़ाद हैं… सतरंगे पोस्टर चिपका दिए हैं हमने दुनिया के बाज़ार में कि हम आज़ाद हैं । हम चीख़ रहे हैं चौराहों पर हम… Read More »शरद बिलौरे की रचनाएँ
सरल अभिलाषा नहीं महाकवि और न कवि ही, लोगों द्वारा कहलाऊँ सरल शहीदों का चारण था, कहकर याद किया जाऊँ लोग वाह वाही बटोरते, जब… Read More »श्रीकृष्ण सरल की रचनाएँ
प्यासी इंद्रावती नीर विहीन इंद्रावती बहती है मेरे घर के तीर कभी छूता था उसका जल मेरे घर की चौखट को बरसात में चौखट भी… Read More »शरद चन्द्र गौड़ की रचनाएँ
७२० / २५० असलहों का कारीगर-1 अख़बार की सुर्ख़ियों में पढ़ना‘बिलाल’ मेरा नाम किसी कोख़बर नहीं, क्या हुआ ? उसने कहा — निशाना चूकना नहीं चाहिए… Read More »अनिल पुष्कर की रचनाएँ
धार हैं हम 1.धार हैं हमरुकना हिस्से में नहीं आताबहते रहना अनवरतनियति है हमारीकहीं स्थायित्व मिला तोबहने की खुमारी में पता ही नहीं चला 2.बहते… Read More »अनिल पाण्डेय की रचनाएँ
इन दिनों इन दिनों नहीं लिखी कविताएँ और चिट्ठियाँ आलेख तो दूर की बात है हाँ टी० वी० पर ख़बर सुनता रहा । और सब… Read More »अनिल त्रिपाठी की रचनाएँ