रंजन कुमार झा की रचनाएँ
मेरा गाँव खोया खोया सा लगता है कल का मेरा गाँव गाँव वही था, जिसमें जीवन होता था खुशहाल मिलती थी जी भर खाने को… Read More »रंजन कुमार झा की रचनाएँ
मेरा गाँव खोया खोया सा लगता है कल का मेरा गाँव गाँव वही था, जिसमें जीवन होता था खुशहाल मिलती थी जी भर खाने को… Read More »रंजन कुमार झा की रचनाएँ
कविता – 1 जिन घरों की दीवारों पर रंग नही होते वहाँ दो चार मुरझाए हुए से फूलों में कैद रंग हर नए दिन इत्मीनान… Read More »योगेश शर्मा की रचनाएँ
पहली बारिश की बून्दों-सा नई बहू घर में आई है बन्दनवार लगे चीज़ों से जुड़ना बतियाना पीछे छूट गया पहली बारिश की बूँदों-सा सब कुछ… Read More »योगेन्द्र वर्मा ‘व्योम’ की रचनाएँ
अब नहीं यह विलंबित अर्थच्युत स्वीकार राघव, अब नहीं। हिल गये मन के सभी आधार राघव, अब नहीं! ओ धरित्री मां! फटो, मुझको संभालो गोद… Read More »योगेन्द्र दत्त शर्मा की रचनाएँ
बात पते की अम्माँ, अम्माँ मुझे बताना, ‘‘क्या सच है जो कहती दादी, बिन हथियार उठाए सचमुच क्या बापू ने दी आजादी? अम्माँ बोलो, गांधी… Read More »योगेंद्रपाल दत्त की रचनाएँ
हल्ला-गुल्ला एक आम का पेड़, लगा था उस पर बहुत बड़ा रसगुल्ला, उसे तोड़ने को सब बच्चे मचा रहे थे हल्ला-गुल्ला! पर मेरी ही किस्मत… Read More »योगेंद्रकुमार लल्ला की रचनाएँ
देखते ही गोली दागो ध्वस्त कर दो कविता के उन सारे ठिकानों को शब्दों और तहरीरों से लैस सारे उन प्रतिष्ठानों को जहां से प्रतिरोध… Read More »योगेंद्र कृष्णा की रचनाएँ
ऐ बे-ख़बरी जी का ये क्या हाल है काल से ऐ बे-ख़बरी जी का ये क्या हाल है काल से रोने में मज़ा है न… Read More »यूसुफ ज़फर की रचनाएँ
चाय प्रेम से सीझा एक प्रेम गीत अच्छी चाय कहीं फ़ुर्सत से चलकर पीते हैं चीविंगम चुभलाते मुँह का टेढ़ा-मेढ़ा होना दो पल हमको भी… Read More »यश मालवीय की रचनाएँ
यादराम ‘रसेंद्र’ मम्मी से यों रोकर बोली- मेरी जीजी नंदा- जाऊँगी स्कूल तभी, जब दिखला दोगी चंदा! मम्मी बोली-चुप रह बिटिया कहना मेरा मान, पापा… Read More »यादराम ‘रसेंद्र’ की रचनाएँ