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अनीता मौर्या की रचनाएँ

तुम्हारा अक़्स उभरा जा रहा है  तुम्हारा अक़्स उभरा जा रहा है, लहू आँखों से बहता जा रहा है, मैं जितनी दूर होती जा रही… Read More »अनीता मौर्या की रचनाएँ

अनीता मिश्रा सिद्धि की रचनाएँ

बहुत कुछ कहना है  वो पल हमे दो ना बहुत कुछ कहना है सुनोगे मेरी बात या हँसी उड़ाओगे मेरी पागल तो नहीँ कहोगे। सुनो… Read More »अनीता मिश्रा सिद्धि की रचनाएँ

अनीता कपूर की रचनाएँ

नहीं चाहिए अब तुम्हारे झूठे आश्वासन मेरे घर के आँगन में फूल नहीं खिला सकते चाँद नहीं उगा सकते मेरे घर की दीवार की ईंट… Read More »अनीता कपूर की रचनाएँ

अनिल विभाकर की रचनाएँ

इंद्रजाल  यह है इंद्रप्रस्थ का इंद्रजाल इसमें भूखी-नंगी जनता सुनहरे सपने देखती है और महारानी के दर्शन भर से धन्य हो जाती है । ग़रीब… Read More »अनिल विभाकर की रचनाएँ

अनिल मिश्र की रचनाएँ

पहाड़ी के पत्थर  हवा दिशा बदलती है और पानी अपने रास्ते इन पत्थरों पर बैठकर आसमान अपने कपड़े बदलता है लाखों वर्षों से निश्चल निर्विकार… Read More »अनिल मिश्र की रचनाएँ

शलभ श्रीराम सिंह की रचनाएँ

नफ़स-नफ़स क़दम-क़दम नफ़स-नफ़स क़दम-क़दम बस एक फ़िक्र दम-ब-दम घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए जवाब-दर-सवाल है के इन्क़लाब चाहिए इन्क़लाब ज़िन्दाबाद, ज़िन्दाबाद इन्क़लाब… Read More »शलभ श्रीराम सिंह की रचनाएँ

श्रद्धा जैनकी रचनाएँ

तुम्हें भी आँख में तब क्या नमी महसूस होती है ?  ख़ुशी बेइंतहा जब भी कभी महसूस होती है तुम्हें भी आँख में तब क्या… Read More »श्रद्धा जैनकी रचनाएँ

श्रद्धा राम फिल्‍लौरी की रचनाएँ

ओम जय जगदीश हरे (1) ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट दास जनों के संकट क्षण में दूर करे… Read More »श्रद्धा राम फिल्‍लौरी की रचनाएँ

श्रीकांत वर्मा की रचनाएँ

कुछ का व्यवहार बदल गया कुछ का व्यवहार बदल गया। कुछ का नहीं बदला। जिनसे उम्मीद थी, नहीं बदलेगा उनका बदल गया। जिनसे आशंका थी,… Read More »श्रीकांत वर्मा की रचनाएँ

शरद रंजन शरद की रचनाएँ

इसी पृथ्वी पर इसी पृथ्वी पर इतने सारे जीव आदमी पशु-पक्षी कीट-पतंग जीवन के ढेर सारे रंग पृथ्वी पर ही पहाड़ पानी आग उसकी मिट्टी… Read More »शरद रंजन शरद की रचनाएँ