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चन्द्र कुमार वरठे की रचनाएँ

यह कविता तुम्हारे ही नाम कविता लिखने बैठा और तुम्हारी याद आयी लो— यह कविता तुम्हारे ही नाम वहाँ देखो एक कोढ़ बैठा है अनाम… Read More »चन्द्र कुमार वरठे की रचनाएँ

चन्द्रकला की रचनाएँ

पद / 1 एहो ब्रजराज कत बैठे हौ निकुंज माँहि, कीन्हों तुम मान ताकी सुधि कछु पाई है। ताते वृषभानुजा सिंगार साजि नीकी भाँति, सखियाँ… Read More »चन्द्रकला की रचनाएँ

चन्द्र की रचनाएँ

मज़दूरों के लिए एक श्रम के आँच में जल-जलकर बहे हुए लहू-पसीने के कतरे-कतरे को चूमा जाएगा चूमा जाएगा उन कतरों को चमन के फूलों… Read More »चन्द्र की रचनाएँ

चन्दन सिंह की रचनाएँ

बसना यह शहर का नया बसता हुआ इलाका है यहाँ सब्ज़ियों से अधिक अभी सीमेण्ट छड़ की दुकानें हैं म्यूनिसपैलिटी ने अभी इसे अपना पानी… Read More »चन्दन सिंह की रचनाएँ

चक्रधर ‘नलिन’की रचनाएँ

गीत खुशी के माँ, नभ देखो बुला रहा मैं मंगल ग्रह को जाऊँगा, शटल यान से उतर, वहाँ पर गीत खुशी के गाऊँगा। शुष्क और… Read More »चक्रधर ‘नलिन’की रचनाएँ

चंद्रसेन विराट की रचनाएँ

उतारी जाए अब हथेली न पसारी जाए. धार पर्वत से उतारी जाए. अपनी जेबो में भरे जो पानी उसकी गर्दन पे कटारी जाए. अब वो… Read More »चंद्रसेन विराट की रचनाएँ

चंद्रमोहन ‘दिनेश’की रचनाएँ

बिल्ली रानी बिल्ली रानी बहुत भली पहन-ओढ़ कर कहाँ चली? क्या चूहों की शामत है? नहीं, खीर की दावत है! जिसकी लाठी उसकी भैंस चूजा… Read More »चंद्रमोहन ‘दिनेश’की रचनाएँ

चंद्रभूषण की रचनाएँ

तुम्हें नहीं लगता बहुत देर हो चुकी है कहते कहते कि देर हो चुकी है तुम्हें नहीं लगता? वह सुकूनदेह झुटपुटा जिसमें खुशी-खुशी हम चलते… Read More »चंद्रभूषण की रचनाएँ

चंद्रभानु भारद्वाज की रचनाएँ

बराबर उसके कद के यों मेरा कद हो नहीं सकता बराबर उसके कद के यों मेरा कद हो नहीं सकता वो तुलसी हो नहीं सकता… Read More »चंद्रभानु भारद्वाज की रचनाएँ

चंद्रपाल सिंह यादव ‘मयंक’की रचनाएँ

जादूगर अलबेला छू, काली कलकत्ते वाली! तेरा वचन न जाए खाली। मैं हूँ जादूगर अलबेला, असली भानमती का चेला। सीधा बंगाले से आया, जहाँ-जहाँ जादू… Read More »चंद्रपाल सिंह यादव ‘मयंक’की रचनाएँ