वसंत त्रिपाठी की रचनाएँ
सेल्फ़ पोर्ट्रेट यह जो कटा-फटा-सा कच्चा-कच्चा और मासूम चेहरा है उसे ज़माने की भट्ठी ने ख़ूब-ख़ूब तपाया है केवल आरामशीन नहीं चली लेकिन हड्डियों और… Read More »वसंत त्रिपाठी की रचनाएँ
सेल्फ़ पोर्ट्रेट यह जो कटा-फटा-सा कच्चा-कच्चा और मासूम चेहरा है उसे ज़माने की भट्ठी ने ख़ूब-ख़ूब तपाया है केवल आरामशीन नहीं चली लेकिन हड्डियों और… Read More »वसंत त्रिपाठी की रचनाएँ
जो भूखा है जो भूखा है छीन झपटकर खाएगा कब तक कोई सहमेगा शरमाएगा अपनी भाषा घी शक्कर सी होती है घैर की भाषा बोलेगा… Read More »वशिष्ठ अनूप की रचनाएँ
याद करना हर घडी़ उस यार का याद करना हर घड़ी उस यार का है वज़ीफ़ा मुझ दिल-ए-बीमार का आरज़ू-ए-चश्मा-ए-कौसर नहीं तिश्नालब हूँ शर्बत-ए-दीदार का… Read More »वली दक्कनी की रचनाएँ
गंगा गंगा की बात क्या करूँ गंगा उदास है, वह जूझ रही ख़ुद से और बदहवास है। न अब वो रंगोरूप है न वो मिठास… Read More »कैलाश गौतम की रचनाएँ
मेरा माज़ी मेरे काँधे पर अब तमद्दुन[1] की हो जीत के हार मेरा माज़ी है अभी तक मेरे काँधे पर सवार आज भी दौड़ के गल्ले[2] में… Read More »कैफ़ी आज़मी की रचनाएँ
दाग दुनिया ने दिए जख़्म ज़माने से मिले दाग दुनिया ने दिए जख़्म ज़माने से मिले हम को तोहफे ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले… Read More »‘कैफ़’ भोपाली की रचनाएँ
आज दिल बे-क़रार है मेरा आज दिल बे-क़रार है मेरा किस के पहलू में यार है मेरा क्यूँ न उश्शाक़ पर होऊँ मंसूर जूँ सिपंद… Read More »वली ‘उज़लत’ की रचनाएँ
‘केसव’ चौंकति सी चितवै ‘केसव’ चौंकति सी चितवै, छिति पाँ धरिकै तरकै तकि छाँहीं। बूझिये और कहै मुख और, सु और की और भई छिन… Read More »केशवदास की रचनाएँ
कार्बन पेपर सुनो न कहीं से कोई कार्बन पेपर ले आओ खूबसूरत इस वक़्त की कुछ नकलें निकालें कितनी पर्चियों में जीते हैं हम लम्हों… Read More »वर्षा गोरछिया ‘सत्या’ की रचनाएँ
प्रेम (सात कविताएं) (एक) तुम हो मैं हूं प्रेम है तुम नहीं हो मैं भी नहीं तो भी है प्रेम जीवित हैं हम सिर्फ प्रेम… Read More »केशव. की रचनाएँ