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केशव शरण की रचनाएँ

घोड़ा और चिड़िया उसकी पूंछ की मार से मर सकती है वह चिड़िया जो शरारत या थकान से आ बैठी है घास चर रहे घोड़े… Read More »केशव शरण की रचनाएँ

केशव तिवारी की रचनाएँ

औरंगज़ेब का मन्दिर  यहाँ नहीं उमड़ती श्रद्धालुओं की भीड़ या जुजबी ही, भटक आते हैं इधर जबकि एक रास्ता इधर से भी जाता है जर्जर… Read More »केशव तिवारी की रचनाएँ

वर्तिका नन्दा की रचनाएँ

अश्क में भी हँसी है-1 लगता है दिल का एक टुकड़ा रानीखेत के उस बड़े मैदान के पास पेड़ की छाँव के नीचे ही रह… Read More »वर्तिका नन्दा की रचनाएँ

केशव कल्पान्त की रचनाएँ

अर्थशाला / भूमिका  डॉ. केशव ‘कल्पान्त’ द्वारा रचित एडम स्मिथ से जे. के. मेहता तक अर्थशास्त्रीय परिभाषाओं का पद्यानुबन्ध्न ‘अर्थशाला’ एक अनूठी काव्य प्रस्तुति है।… Read More »केशव कल्पान्त की रचनाएँ

केशव की रचनाएँ

एक भूत में होत, भूत भज पंचभूत भ्रम एक भूत में होत, भूत भज पंचभूत भ्रम। अनिल-अंबु-आकास, अवनि ह्वै जाति आगि सम॥ पंथ थकित मद… Read More »केशव की रचनाएँ

केवल गोस्वामी की रचनाएँ

मतवाले बादल आसमान पर छाए बादल! गहरे बादल, काले बादल, दल बाँधे मतवाले बादल! सूरज को दी मात अचानक, दिन में कर दी रात अचानक,… Read More »केवल गोस्वामी की रचनाएँ

के. पी. अनमोल की रचनाएँ

जिसने हर इक की ज़रूरत का भरम रक्खा है  जिसने हर इक की ज़रूरत का भरम रक्खा है रब ने भी उसकी सख़ावत का भरम… Read More »के. पी. अनमोल की रचनाएँ

केदारनाथ सिंह की रचनाएँ

रात पिया पिछवारे रात पिया, पिछवारे पहरू ठनका किया । कँप-कँप कर जला दिया बुझ -बुझ कर यह जिया मेरा अंग-अंग जैसे पछुए ने छू… Read More »केदारनाथ सिंह की रचनाएँ

केदारनाथ मिश्र ‘प्रभात’ की रचनाएँ

देवता की याचना  इतना विस्तृत आकाश-अकेला मैं हूँ तुम अपने सपनों का अधिवास मुझे दो। नीला-नीला विस्तार, हिलोरों में यों ही बहता हूँ सूनी-सूनी झंकार,… Read More »केदारनाथ मिश्र ‘प्रभात’ की रचनाएँ

केदारनाथ पाण्डेय की रचनाएँ

मोती बरसा जाता रिमझिम रिमझिम गगन मगन हो मोती बरसा जाता । शतदल के दल दल पर ढलकर नयन नयन के तल में पलकर बरस-… Read More »केदारनाथ पाण्डेय की रचनाएँ