‘क़ाबिल’ अजमेरी की रचनाएँ
तुम्हें जो मेरे गम-ए-दिल से आगाही हो जाए तुम्हें जो मेरे गम-ए-दिल से आगाही हो जाए जिगर में फूल खिलें आँख शबनमी हो जा अजला… Read More »‘क़ाबिल’ अजमेरी की रचनाएँ
तुम्हें जो मेरे गम-ए-दिल से आगाही हो जाए तुम्हें जो मेरे गम-ए-दिल से आगाही हो जाए जिगर में फूल खिलें आँख शबनमी हो जा अजला… Read More »‘क़ाबिल’ अजमेरी की रचनाएँ
सात भाइयों के बीच चम्पा सात भाइयों के बीच चम्पा सयानी हुई। बाँस की टहनी-सी लचक वाली बाप की छाती पर साँप-सी लोटती सपनों में… Read More »कात्यायनी की रचनाएँ
टूरिस्ट हमारे पास कुछ नहीं जाओ अब हमारे पास कुछ नहीं बीते सत-जगों की सर्द राख में इक शरार भी नहीं दाग़ दाग़ ज़िंदगी पे… Read More »क़ाज़ी सलीम की रचनाएँ
सरकारी स्कूल की खिचड़ी अच्छा है यही तुम मुझे भूखा ही सुलाना, अच्छी मेरी अम्मा कभी खिचड़ी न पकाना । स्कूल मे खिचड़ी ही तो… Read More »काज़िम जरवली की रचनाएँ
नाम बड़े, दर्शन छोटे नाम-रूप के भेद पर कभी किया है गौर ? नाम मिला कुछ और तो, शक्ल-अक्ल कुछ और शक्ल-अक्ल कुछ और, नैनसुख देखे… Read More »काका हाथरसी की रचनाएँ
दर्द पी लेते हैं और दाग़ पचा जाते हैं दर्द पी लेते हैं और दाग़ पचा जाते हैं याँ बला-नोश हैं जो आए चढ़ा जाते… Read More »‘क़ाएम’ चाँदपुरी की रचनाएँ
बोल मजूरे हल्ला बोल बोल मजूरे हल्ला बोल काँप रही सरमाएदारी खुलके रहेगी इसकी पोल बोल मजूरे हल्ला बोल ! ख़ून को अपने बना पसीना तूने… Read More »कांतिमोहन ‘सोज़’ की रचनाएँ
स्वगत कविता सहेली की साल नहीं जिसे मौसम के मुताबिक माँग कर लपेट लिया जाए कविता मेरा मन है संवेदना है मुझसे फूटी हुई रसधारा… Read More »शैलप्रिया की रचनाएँ
पायताने बैठ कर १ एक छोटे बचे की हथेली में तेल से अम्मा एक गोल बनाती कहती ये लो लड्डू भैया दूसरी हथेली बढ़ा देता… Read More »शैलजा पाठक की रचनाएँ
लड़की बहुत ज़ोर से हँसती हो तुम ऐसे नहीं हँसते मुसकुराना तो और भी ख़तरनाक है चलते वक़्त भी ध्यान रखा करो क़दमों की आवाज़… Read More »शैलजा नरहरि