ख़्वाजा जावेद अख़्तर की रचनाएँ
आँखों में बीज ख़्वाब का बोने नहीं दिया आँखों में बीज ख़्वाब का बोने नहीं दिया इक पल भी उस ने चैन से सोने नहीं… Read More »ख़्वाजा जावेद अख़्तर की रचनाएँ
आँखों में बीज ख़्वाब का बोने नहीं दिया आँखों में बीज ख़्वाब का बोने नहीं दिया इक पल भी उस ने चैन से सोने नहीं… Read More »ख़्वाजा जावेद अख़्तर की रचनाएँ
अब अँधेरों में जो हम ख़ौफ़-ज़दा बैठे हैं अब अँधेरों में जो हम ख़ौफ़-ज़दा बैठे हैं क्या कहें ख़ुद ही चराग़ों को बुझा बैठे हैं… Read More »ख़ुशबीर सिंह ‘शाद’ की रचनाएँ
इंक़िलाब वो कारवान-ए-गुल-ए-ताज़ा जिस के मुज़्दे से दिमाग़-ए-इश्क़ मोअत्तर है और फ़ज़ा मामूर दिलों से कितना क़रीं है नज़र से कितनी दूर इंतिज़ार की रात… Read More »ख़ुर्शीद-उल-इस्लाम की रचनाएँ
ऐ इंतिज़ार-ए-सुब्ह-ए-तमन्ना ये क्या हुआ ऐ इंतिज़ार-ए-सुब्ह-ए-तमन्ना ये क्या हुआ आता है अब ख़याल भी तेरा थका हुआ पहचान भी सकी मेरी ज़िंदगी मुझे इतनी… Read More »ख़ुर्शीद अहमद ‘जामी’ की रचनाएँ
अक़्ल बड़ी बे-रहम थी दिल को उस के दुख की घड़ी में तन्हा छोड़ दिया जिस्म ने लेकिन साथ दिया दुख के गहरे सागर में… Read More »ख़ुर्शीद अकरम की रचनाएँ
कभी है अमृत, कभी ज़हर है, बदल-बदल के मैं पी रहा हूँ कभी है अमृत, कभी ज़हर है, बदल-बदल के मैं पी रहा हूँ मैं… Read More »विजय कुमार पुरी की रचनाएँ
दुनिया के ज़ोर प्यार के दिन दुनिया के ज़ोर प्यार के दिन याद आ गये दो बाज़ुओ की हार के दिन याद आ गये गुज़रे… Read More »ख़ुमार बाराबंकवी की रचनाएँ
दोहा / भाग 1 कूल कलिंदी नीप पर, सोहत अति अभिराम।यह छवि मेरे मन बसो, निसि दिन स्यामा-स्यामा।।1।। राधापति हिय मैं धरौं, राधापति मुख बैन।राधापति… Read More »विक्रमादित्य सिंह विक्रम की रचनाएँ
ये कैसे सानिहे अब पेश आने लग गए हैं ये कैसे सानिहे अब पेश आने लग गए हैं तेरे आगोश में हम छटपटाने लग गए… Read More »विक्रम शर्मा की रचनाएँ
एक तितली एक तितली काट गयी रास्ता सुबह सुबह दिन सारा रंग रंग हो गया खुली आँख तो खुली आँख तो खुद को जकड़े हुए… Read More »विकि आर्य की रचनाएँ