Skip to content

Poetry

कमलेश की रचनाएँ

यह कविता नहीं है  एक जंगल के रास्ते पर मैली पगड़ी बाँधे चार काले चेहरे एक बच्चा सात-आठ साल का पीछे-पीछे लाल-लाल गर्द अपने चेहरे… Read More »कमलेश की रचनाएँ

कमलेश भट्ट ‘कमल’ की रचनाएँ

हाइकु कौन मानेगासबसे कठिन हैसरल होना। प्रीति, हाँ प्रीतिदुनिया में सुख कीएक ही रीति । आप से मिलेतो लगा क्या मिलनाकिसी और से ! ढूँढ़ता रहाखुद… Read More »कमलेश भट्ट ‘कमल’ की रचनाएँ

कमलेश द्विवेदी की रचनाएँ

तेरे द्वारे बैठे हैं  दिल वालों की बस्ती में दिल के मारे बैठे हैं हमने सबका दिल जीता अपना हारे बैठे हैं होगी रात अमावस… Read More »कमलेश द्विवेदी की रचनाएँ

कमलानंद सिंह ‘साहित्य सरोज’ की रचनाएँ

गणपति स्तुति  जय जय विध्न हरन गननायक गिरजा नन्दन शुभ वरदायक सुरनर मुनि सों पुजित प्रथमहि सुभस सुभग के तुम अभिधायक। सकल कलेश विनास करन… Read More »कमलानंद सिंह ‘साहित्य सरोज’ की रचनाएँ

कमला चौधरी की रचनाएँ

मैं गाँधी बन जाऊँ माँ, खादी का कुर्ता दे दे, मैं गाँधी बन जाऊँ, सब मित्रों के बीच बैठ फिर रघुपति राघव गाऊँ! निकर नहीं… Read More »कमला चौधरी की रचनाएँ

कमल जीत चौधरी की रचनाएँ

नमक में आटा हमने कम समय में बहुत बातें की बहुत बातों में कम समय लिया कम समय में लम्बी यात्राएँ की लम्बी यात्राओं में… Read More »कमल जीत चौधरी की रचनाएँ

कमलकांत सक्सेना की रचनाएँ

कविता गुण है तनहाई का कविता गुण है तनहाई का। जीवन धन है तनहाई का। अस्तित्व पूछते हो अपना? निरा छलावा तनहाई का। बन्दगी में… Read More »कमलकांत सक्सेना की रचनाएँ

क़मर’ मुरादाबादी की रचनाएँ

बे-नकाब उन की जफाओं को किया है मैं ने बे-नकाब उन की जफाओं को किया है मैं ने वक्त के हाथ में आईना दिया है… Read More »क़मर’ मुरादाबादी की रचनाएँ

कबीर शुक्ला की रचनाएँ

अर्ज़-ए-पाक़ पर ये हवादिशें देखा तो रो दिया अर्ज़-ए-पाक पर ये हवादिशें होता देखा तो रो दिया। निग़ार-ए-ज़ीस्त को पामाल बनता देखा तो रो दिया।… Read More »कबीर शुक्ला की रचनाएँ

शुभम श्री की रचनाएँ

मेरे हॉस्टल के सफ़ाई कर्मचारी ने सेनिटरी नैपकिन फेंकने से इनकार कर दिया है ये कोई नई बात नहीं लम्बी परम्परा है मासिक-चक्र से घृणा… Read More »शुभम श्री की रचनाएँ